भोपाल। स्टैंडर्ड टाइम कहां से तय होना चाहिए, यह उज्जैन तय करेगा। इसके लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के माध्यम से मध्य प्रदेश सरकार काम करने जा रही है। मंथन के लिए भारतीय विज्ञान कांग्रेस के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय कांग्रेस कराई जाएगी। अगर अंतरराष्ट्रीय कांग्रेस निर्धारित करेगी तो स्टैंडर्ड टाइम में बदलाव आएगा।
इसी कड़ी में इंदौर आइआइटी का विस्तार करते हुए अब उज्जैन में आइआइटी सैटेलाइट टाउन बनाया जाएगा। इस संबंध में प्रस्ताव लाया जा रहा है। यह जानकारी मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने 16वीं विधानसभा के प्रथम सत्र के अंतिम दिन राज्यपाल के अभिभाषण में चर्चा के दौरान दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से 300 वर्ष पहले तक दुनिया में भारत का टाइम स्टैंडर्ड माना जाता था लेकिन काल के प्रवाह में जब हम गुलाम हुए तो फ्रांस की राजधानी पेरिस में 50 साल तक टाइम स्टैंडर्ड वहां तय होता रहा। इसके बाद 250 साल पहले जब अंग्रेज हावी हुए तो अंग्रेज ग्रीनविच से स्टैंडर्ड टाइम तय करने लगे।
मुख्यमंत्री डा. यादव ने कहा कि दुनिया में दो तरह के प्राणी हैं, एक जो सूर्योदय से अपनी दिनचर्या शुरू करते है और दूसरे जो निशाचर प्राणी हैं, जो रात से अपनी दिनचर्या शुरू करते हैं लेकिन मध्य रात्रि 12 बजे दिन बदलकर दिनचर्या चालू करने का औचित्य समझ से परे है।
यह औचित्यहीन स्टैंडर्ड है, लेकिन यह दुनिया में लागू है और इसके माध्यम से भारतीय संस्कृति को लज्जित करने का प्रयास किया गया। डा. यादव ने कहा कि 21 जून और 22 दिसंबर को दिन के 12 बजे उज्जैन की वेधशाला में जाकर देखना।
अयोध्या, मथुरा, माया, काशी, कांची, अवन्तिकापुरी, द्वारवती ज्ञेया: सप्तैता मोक्ष दायिका।।
मेरा सौभाग्य है कि दुनिया की सात पवित्रतम नगरी में एक नगरी अवन्तिका है, जहां से मैं आता हूं। pic.twitter.com/JufIo8BOtJ
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) December 21, 2023
वहां एक संकु यंत्र है, जो 300 साल पहले बना है और आधुनिक साइंस की दृष्टि से जीपीएस है। जहां से आप निर्धारित कर सकते हैं कि दुनिया का सेंटर पाइंट कौन सा है। आप सभी को गर्व होगा कि वह उज्जैन और डोंगला है, जहां पर 23 दशमलव 26 अंश मिलेगा।
ऐसे रहस्यों को सबके सामने लाने का काम मध्य प्रदेश सरकार करने जा रही है, इसलिए नई वेधशाला विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के माध्यम से बनाई जाएगी, जहां भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आइआइएम) के शोधकर्ताओं के शोध के लिए एक मंच विकसित किया जाएगा। इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के पड़ोसी देश चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान भी मानते हैं कि दुनिया में जब स्टैंडर्ड टाइम तय की बात की जाएगी तो भारत पर ही बात होगी। इससे उज्जैन और भारत का मान बढ़ेगा।
इसमें न केवल राज्य सरकार की, बल्कि भारत सरकार की भूमिका भी है और वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करेगी। बता दें कि प्राइम मेरिडियन एक काल्पनिक रेखा है, जिसका उपयोग समय के लिए वैश्विक संदर्भ के रूप में किया जाता है।
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