खालिस्तान समर्थित आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की साजिश के तार भारत से जुड़े होने के अमेरिकी दावे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार प्रतिक्रिया सामने आई है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत की प्रतिबद्धता कानून के शासन में है और अमेरिका की ओर से साझा की गई जानकारी पर गौर किया जाएगा। जांच के लिए भारत पहले ही एक जांच समिति गठित कर चुका है।
ब्रिटेन के एक अखबार को दिए साक्षात्कार में मोदी ने कहा, भारत-अमेरिका के रिश्ते मजबूत हैं और कुछ घटनाओं को राजनयिक संबंधों से जोड़ना ठीक नहीं। मोदी ने कहा, हमारे किसी नागरिक ने कुछ भी अच्छा या बुरा किया है तो हम इसे देखेंगे। बता दें कि अमेरिकी सरकारी अभियोजकों ने आरोप लगाया है कि निखिल गुप्ता नामक व्यक्ति पन्नू को मारने की नाकाम साजिश में भारत सरकार के एक कर्मचारी के साथ काम कर रहा था। पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है। दोनों देश अब ‘इनिशिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज (आईसीईटी)’ के तहत सेमीकंडक्टर, दूरसंचार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और रक्षा समेत सात विशिष्ट उच्च-प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में महत्वाकांक्षी रोडमैप पर काम कर रहे हैं।
चरमपंथी समूहों की गतिविधियों से भारत चिंतित
मोदी ने कहा, भारत विदेश स्थित कुछ चरमपंथी समूहों की गतिविधियों से चिंतित है। अभिव्यक्ति की आजादी की आड़ में ये तत्त्व हिंसा भड़काने में लगे हैं। मोदी ने कहा कि सुरक्षा व आतंकवाद विरोधी सहयोग भारत और अमेरिकी साझेदारी का प्रमुख घटक रहा है।
घटनाओं को राजनयिक संबंधों से जोड़ना उचित नहीं
रक्षा, व्यापार, निवेश, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी व जलवायु परिवर्तन सहित कई क्षेत्रों में हमारे संबंध बढ़ रहे हैं। दुनिया एक-दूसरे से जुड़ी हुई भी है और एक-दूसरे पर निर्भर भी। यह वास्तविकता हमें यह मानने के लिए मजबूर करती है कि सभी मामलों पर पूर्ण सहमति सहयोग के लिए पूर्व शर्त नहीं हो सकती।
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