कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की नकल उतारे जाने से जुड़े विवाद का हवाला देते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि धनखड़ यह मुद्दा उठाकर संसद में जातिवाद ले आए। खरगे ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह संसद से जुड़े विषयों पर सदन के बाहर बोल रहे हैं जिससे उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला बनता है।
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने संसद परिसर में उनकी, तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा नकल उतारे जाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए उच्च सदन में बुधवार को कहा था कि संसद परिसर में उनकी नकल उतारकर किसान समाज और उनकी जाति (जाट) का अपमान किया गया है। विपक्षी सांसदों ने दोनों सदनों से 140 सदस्यों के निलंबन पर विरोध जताते हुए आज संसद भवन से एक मार्च निकाला जो विजय चौक पर संपन्न हुआ।
खरगे की अगुवाई में विपक्षी सांसदों ने संसद भवन से विजय चौक तक पैदल मार्च किया। इसके बाद खरगे ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह निलंबन के खिलाफ हमारा प्रदर्शन है। सरकार और मोदी जी यह नहीं चाहते कि सदन चले।” खरगे ने कहा, ‘‘मैं माफी चाहता हूं कि सभापति जी एक मुद्दा उठाकर संसद में एक तरीके से जातिवाद ले आए। लोकतंत्र में बात करना हमारा हक है। हम चुने हुए सदस्य हैं और लोगों की भावना को बताना हमारा कर्तव्य हैं, हम वही कर रहे थे।”
उन्होंने कहा, ‘‘हम लोकसभा में, संसद की सुरक्षा में सेंध की घटना से जुड़ा विषय उठाना चाहते थे कि यह क्यों हुआ, कैसे हुआ और इसके लिए कौन जिम्मेदार है। हम चाहते थे कि सरकार सदन को इस बारे में बताए। प्रधानमंत्री और गृह मंत्री दोनों सदन में नहीं आए। वे, सदन में जिन बातों को कहना है, उन्हें बाहर बोल रहे हैं।” उन्होंने बताया कि निलंबन के मुद्दे को लेकर विपक्षी नेता शुक्रवार को जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे तथा आगे देश भर में इसको लेकर विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।
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