आगामी लोक सभा चुनाव को लेकर इस वक्त सबकी नजर उत्तर प्रदेश की सियासत पर टिकी हुई है। मंगलवार को दिल्ली में हुए I.N.D.I.A. गठबंधन की बैठक में समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव, रामगोपाल यादव, राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी भी शामिल हुए।
बैठक खत्म होने के बाद अखिलेश यादव समेत कई नेताओं से यह सवाल पूछे गए कि क्या बहुजन समाज पार्टी भी I.N.D.I.A. का हिस्सा होंगी? अखिलेश ने पत्रकारों से इस सवाल के जवाब में कहा कि हमें जो कहना था वह कह दिया। आगे इस पर विचार होगा। सभी की सहमति से फैसला होगा।
वहीं, मायावती ने पहले ही साफ कर दिया था कि वह गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेंगी, अब बसपा गठबंधन में जुड़ेगी या नहीं जुड़ेगी यह बाद की बात है, लेकिन उससे पहले I.N.D.I.A. ने एक काट जरुर खोज लिया है जिससे मायावती समेत जयंत चौधरी की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल, आज़ाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर ने बैठक के कुछ घंटों बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी के मुखिया शरद पवार और उनकी बेटी सांसद सुप्रिया सुले से मुलाकात की तस्वीर पोस्ट की।
चंद्रेशखर ने लिखी ये बात
उन्होंने इन दो तस्वीरों के साथ लिखा- आज लोकप्रिय राजनेता श्रद्धेय शरद पवार और सुप्रिया सुले से दिल्ली में उनके आवास पर मुलाकात हुई! मुलाकात में देश की राजनीति पर गंभीर चर्चा हुई और पवार साहब से मार्गदर्शन प्राप्त किया. साथ रहें एनसीपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष योगानंद शास्त्री , किसान नेता पुष्पेंद्र चौधरी व वीरेंद्र कुमार शिरिष।
चंद्रेशखर के आने से जयंत का नुकसान
सोशल मीडिया पर इस तस्वीर के आने के बाद से सियासी माहौल गर्माया हुआ है। बताया जा रहा है कि मायावती के कोर वोटर या ये कह सकते हैं कि दलित वोटरों को साधने के लिए गठबंधन यूपी में चंद्रशेखर आजाद को सामने ला सकती है। अगर चंद्रेशखर की दावेदारी से राष्ट्रीय लोकदल को नुकसान हो सकता है। अगर चंद्रेशखर यूपी में इंडिया अलायंस के साथ आते हैं तो वह कम से कम 2 सीटों की दावेदारी कर सकते हैं। चंद्रशेखर के बारे में माना जा रहा है कि वह पश्चिमी यूपी में गठबंधन से 2 सीटें मांग सकते हैं। रालोद भी इसी क्षेत्र पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं। ऐसे में चंद्रशेखर की एंट्री से गठबंधन में जयंत का गेम बिगड़ सकता है।
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