इंदौर के महापौर ने जज की कार छीनने वाले छात्रों के पक्ष में दायर की याचिका, हाई कोर्ट दे चुका है जमानत
ग्वालियर। जज की कार छीनने वाले एबीवीपी के दो छात्र नेताओं को आखिरकार हाईकोर्ट ने जमानत दे दी। पूरे मामले को लेकर इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने मप्र हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में याचिका दायर की है। याचिका में छात्रों के खिलाफ दर्ज एफआइआर निरस्त करने की गुहार लगाई गई है।
कई दिनों से इस मामले ने तूल पकड़ा हुआ था, इसमें जज की कार छीनकर छात्र पीके यूनिवर्सिटी के कुलपति को उपचार के लिए अस्पताल ले गए थे। इसके बाद छात्रों पर डकैती की धारा लगाकर उन्हें 12 दिसंबर को जेल भेज दिया गया। इस मामले में 22 साल के हिमांशु श्रोत्रिय और 24 साल के सुकृत शर्मा को आरोपित बनाया गया है।
जमानत का विरोध भी नहीं
सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता भानु प्रताप सिंह चौहान ने न्यायालय के सामने छात्रों का पक्ष रखते हुए कहा कि छात्रों का कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है, वह खुद ही विधि के छात्र हैं। उन्होंने कुलपति की जान बचाने के लिए गाड़ी ले ली। इसके पीछे किसी भी प्रकार की आपराधिक मानसिकता नहीं थी। कोर्ट ने भी उनके पक्ष से सहमति जताते हुए दोनों छात्र नेताओं को जमानत दे दी। किसी पक्ष ने इस जमानत का विरोध भी नहीं किया।
आ चुकी थी एंबुलेंस
उल्लेखनीय है कि इस मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश संजय गोयल ने यह कहते हुए दोनों छात्रों को जमानत देने से इन्कार कर दिया था कि मदद मांगने का काम विनम्रतापूर्वक किया जाता है, बलपूर्वक नहीं। कोर्ट ने पुलिस के प्रतिवेदन पर बात करते हुए कहा कि यह साफ है कि रेलवे स्टेशन पर एंबुलेंस आ चुकी थी लेकिन फिर भी छात्रों ने उसका उपयोग नहीं किया।
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने क्षमा करने का किया था अनुरोध
बता दें कि इस मामले में सीएम डा. मोहन यादव ने डीजीपी से छात्रों पर की गई कार्रवाई की जांच करने के निर्देश भी दिए थे। वहीं, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर मानवीय आधार पर छात्रों को क्षमा करने का अनुरोध किया था।
इंदौर के महापौर ने छात्रों के पक्ष में दायर की याचिका
यह है पूरा मामला
बीती 10 दिसंबर को पीके विश्वविद्यालय के कुलपति 59 वर्षीय रणजीत सिंह रात के समय दिल्ली से दक्षिण एक्सप्रेस से झांसी जा रहे थे। दिल्ली से राष्ट्रीय अधिवेशन में भाग लेकर ग्वालियर जिले के एबीवीपी के जिला महामंत्री व प्रांतीय सहमंत्री हिमांशु श्रोत्रिय और शिवपुरी के सुकृत कुमार भी वापस आ रहे थे। अचानक ही आगरा से निकलते समय कुलपति की तबीयत खराब हुई तो छात्रों ने स्टेशन के पोर्च में खड़ी हाईकोर्ट जज की कार में लिटा दिया। गाडी चालक से अस्पताल चलने को कहा तो वह नहीं माना, जिसके बाद छात्रों ने जज की गाड़ी की चाबी छीनी और उसे लेकर अस्पताल चले गए। हालांकि अस्पताल पहुंचने पर कुलपति को डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया गया।
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