ग्वालियर। मध्य प्रदेश में परिवहन चेकपोस्ट बंद कर वैकल्पिक जांच प्रणाली शुरू किए जाने के प्रयासों के बीच पहले 40 चेकपोस्ट की जगह यह नई व्यवस्था शुरू की जाएगी। प्रदेश में 120 परिवहन चेकपोस्ट हैं, लेकिन पहले चरण में 40 जगह ही नई व्यवस्था की शुरुआत होगी। इसके लिए परिवहन विभाग ने 28 करोड़ रुपये का बजट और 1000 कर्मचारियों का स्टाफ मांगा है। परिवहन विभाग की इस क्रम में दिसंबर में तीसरी बैठक नई व्यवस्था को लेकर हुई है।
चेक पोस्ट की जगह चेक प्वाइंट
वर्तमान में परिवहन विभाग पर प्रवर्तन में 419 का बल है जो नए चेक प्वाइंट पर पदस्थ करना होगा। इसके अलावा जो नए चेक प्वाइंट बनेंगे, वहां स्विस टेंट लगेंगे, कोई स्थायी ढांचा नहीं बनेगा। यहां प्रति चेक प्वाइंट इंटरसेप्टर वाहन, सीसीटीवी कैमरा, आटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर कैमरा, पीओएस मशीन, पोर्टेबल ब्रिज लोड चेक करने यह सभी अत्याधुनिक व्यवस्थाएं रहेंगी। वहीं नई व्यवस्था में फ्लाइंग स्क्वाड ज्यादा रहेंगे। अभी वर्तमान में प्रदेश में परिवहन पर 800 के आसपास बल है जबकि 1700 स्वीकृत है।
अवैध वसूली के चलते चेक पोस्ट बंद
बता दें, अन्य प्रदेशों में परिवहन चेक पोस्ट व्यवस्था बंद हो गई है और प्रदेश में ट्रांसपोटर्स-आपरेटर अवैध वसूली व परेशानी के मामलों के कारण इसके विरोध में है और इसको लेकर उच्च स्तर पर मांग कर चुके हैं। सात अस्थायी चेक पोस्ट विभाग पिछले महीनों में बंद कर चुका है।
परिवहन चेक पोस्टों को बंद करने की दिशा में परिवहन आयुक्त एसके झा के निर्देश पर अपर आयुक्त की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि प्रदेश की परिवहन चेक पोस्ट के स्थान पर वैकल्पिक चेकिंग प्वाइंट व्यवस्था शुरू की जाना चाहिए, जो पूरी तरह हाई टेक होगी। इस प्रस्ताव के बाद परिवहन विभाग ने पहले अस्थायी चेक पोस्टों को बंद कर दिया। अब हाल में नई व्यवस्था को लेकर यह तीसरी बैठक हुई है जिसमें वर्तमान में मौजूद 120 चेकपोस्टों को चेक प्वाइंट में परिवर्तित किया जाएगा।
कैशलेस व्यवस्था पर रहेगा जोर
प्रदेश में चेक पोस्टों को चेक प्वाइंट बनाने के क्रम में कैशलेस व्यवस्था पर जोर दिया जाएगा। यही कारण है कि नए चेक प्वाइंटों पर पीओएस मशीनों लगाने का प्रस्ताव दिया गया है। पूरी व्यवस्था कैमरों की निगरानी में रहेगी जिससे कभी भी चेक किया जा सके।
प्रदेश में परिवहन चेक पोस्टों को बंद कर वैकल्पिक चेकिंग प्वाइंट व्यवस्था लाई जा रही है, इसकी हाल में बैठक हुई जिसमें 28 करोड़ का बजट और एक हजार का बल मांगते हुए प्रस्ताव भेजा गया है। अभी परिवहन विभाग के पास स्वीकृत से आधा ही बल है।
अरविंद सक्सेना, अपर आयुक्त, परिवहन विभाग, मध्य प्रदेश
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