फायरिंग रेंज से घबराए लोग बोले-अब गांव छोड़ना पड़ेगा

जबलपुर। रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) खमरिया के वर्धाघाट स्थित फायरिंग रेंज में अभ्‍यास के दौरान कब गोलियां न जाने सीना चीर दें, अब तो ऐसा लगता है कि गांव ही छोड़ देना पड़ेगा, तभी जान बचेगी। यह कहना है खमरिया के वर्धाघाट स्थित फायरिंग रेंज में रह रहे करीब 1200 परिवारों के लोगों का। बोले-इस समय दहशत में जी रहे हैं।

दो किलोमीटर दूर बैठे ग्रामीण के हाथ में जा लगी थी गोली

शनिवार को प्रेक्टिस फायरिंग की जा रही थी, इस दौरान एक गोली पहाड़ से टकराकर दो किलोमीटर दूर बैठे ग्रामीण के हाथ में जा लगी थी। इससे पूरे गांव में दहशत फैल गई। युवक के जख्मी होने के कारण फायरिंग अविलंब बंद कर दी गई। सूचना पाते ही खमरिया पुलिस मौके पर पहुंची और जांच प्रारंभ कर दी थी।

पांच दिन से चल रही है फायरिंग

आरपीएफ द्वारा 11 दिसम्बर से फायरिंग रेंज में फायरिंग की प्रेक्टिस की जा रही है। रोजाना की तरह सुबह फायरिंग शुरू हुई थी। अधिकारी और जवान फायरिंग रेंज में बनाए गए 45 डिग्री के कोण में फायरिंग कर रहे थे। इस दौरान एक गोली पहाड़ से टकराई। गोली सीधे दो किलोमीटर दूर ग्राम वर्धाघाट में अपने घर के पास बैठे दिलीप बेन (32) के हाथ में जा लगी थी।

युवक के जख्मी होने से ग्रामीणों में आक्रोश

फायरिंग से युवक के जख्मी होने से ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि वहां असुरक्षित ढंग से फायरिंग की जाती है। फायरिंग की आवाज से जहां गांव के बच्चों में दहशत रहती है, वहीं हर वक्त रेंज से निकली गोली से ग्रामीणों के घायल होने की आशंका भी बनी रहती है।

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