इंदौर। हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि त्रेता युग में विवाह पंचमी तिथि पर भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था। हर साल विवाह पंचमी तिथि मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल विवाह पंचमी 16 दिसंबर को रात 08 बजे से शुरू होगी और 17 दिसंबर को शाम 05.53 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि मान के अनुसार विवाह पंचमी 17 दिसंबर को ही मनाई जाएगी। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, 16 दिसंबर को सूर्यदेव मकर राशि से निकलकर धनु राशि में प्रवेश करेंगे और इस कारण खरमास की शुरुआत हो जाएगी और इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाएंगे।
ऐसे करें भगवान राम व माता सीता की पूजा
- एक चौकी पर भगवान राम व माता सीता की प्रतिमा स्थापित करें।
- विवाह पंचमी पर व्रत का संकल्प लें।
- घर की साफ-सफाई के बाद विधि-विधान के साथ पूजा करें।
अविवाहित युवतियां करें जानकी मंत्र का पाठ
जिन युवतियों के विवाह में देरी हो रही है या विवाह में किसी भी तरह की बाधा आ रही है तो ऐसे युवतियों को अच्छे वर की प्राप्ति के लिए जानकी मंत्र का जाप करना चाहिए। विवाह पंचमी के दिन इन जानकी मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।
ऊँ जानकी वल्लभाय नमः
ॐ जनकनंदिन्यै विद्महे, भुमिजायै धीमहि।
तन्नो सीता: प्रचोदयात् ।।
विवाह पंचमी पर न करें ये काम
विवाह पंचमी पर भगवान राम और माता सीता का विवाह हुआ था, इसलिए इस तिथि पर विवाह करना शुभ नहीं माना जाता। पौराणिक मान्यता है कि इस तिथि पर विवाह करने से दंपत्ति के जीवन में बहुत कष्ट आते हैं, क्योंकि प्रभु राम और माता सीता के जीवन में भी बहुत अत्यधिक कष्ट आए थे। विवाह पंचमी के दिन भक्तों को तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए।
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