मेट्रो के लिए अलवर से आया 626 मीट्रिक टन स्टील, बनेंगे दो ब्रिज, जल्द होगी असेंबलिंग

भोपाल। रानी कमलापति स्टेशन से एम्स के बीच मेट्रो के प्रायोरिटी कारिडोर का काम अंतिम चरण में है। अब हबीबगंज नाके के पास डीआरएम आफिस से रानी कमलापति के बीच स्टील ब्रिज का निर्माण बाकी है। इसके लिए राजस्थान के अलवर से 626 मीट्रिक टन स्टील के पार्ट व गर्डर भोपाल पहुंच गए हैं। अब इनकी असेंबलिंग की जाएगी। इसके बाद इन्हें पिलर के ऊपर चढ़ाया जाएगा।

दो स्टील ब्रिज बनेंगे

बता दें कि डीआरएम आफिस से आरकेएमपी के बीच दो स्टील ब्रिज बिछाए जाने हैं। इनमें पहला ब्रिज नर्मदापुरम सड़क के ऊपर होगा। जिसका वजन करीब 226 मीट्रिक टन, लंबाई 48 मीटर और चौड़ाई आठ मीटर होगी। जबकि दूसरा ब्रिज आरकेएमपी से हबीबगंज नाके के बीच बनेगा, यह घुमावदार होगा। इसका वजन 400 मीट्रिक टन, लंबाई 65 मीटर और चौड़ाई 15 मीटर होगी। वहीं जमीन से दोनों स्टील ब्रिज की ऊंचाई करीब 14 मीटर रहेगी। अधिकारियों ने बताया कि स्टील ब्रिज के पार्टस आ गए हैं, अब इनकी असेंबलिंग की जाएगी। इसके बाद जनवरी 2024 तक इसे पिलर्स के ऊपर लांच किया जाएगा। इसके लिए पहले रेलवे से ब्लाक भी लेना पड़ेगा।

स्टील ब्रिज बनने से कनेक्ट होंगे आठ मेट्रो स्टेशन

प्रथम चरण में एम्स से सुभाष नगर के बीच सात किलोमीटर के प्रायोरिटी कारिडोर में मेट्रो का संचालन किया जाना है। इसके लिए एम्स से हबीबगंज नाके और रानी कमलापति से सुभाष नगर के बीच कारिडोर बनकर तैयार है। इनके बीच पांच मेट्रो स्टेशन भी बन चुके हैं, जबकि तीन का निर्माण चल रहा है। आरकेएमपी से हबीबगंज नाके के बीच दो स्टील ब्रिज बनने के बाद ये सभी आठों स्टेशन कनेक्ट हो जाएंगे। इसके बाद मेट्रो का संचालन शुरु होगा।

अधिक गैप होने से पड़ी स्टील ब्रिज की जरूरत

मेट्रो वायडक्ट के एक पिलर से दूसरे की दूरी 30 से 34 मीटर के बीच होती है। लेकिन रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के पास प्लेटफार्म नंबर एक से पांच तक की दूरी 65 मीटर है और इतना लंबा सीमेंट-कांक्रीट का स्लैब नहीं डाला जा सकता है। इसलिए यहां पर स्टील ब्रिज की आवश्यकता थी। अधिकारियों ने बताया कि यदि यहां पिलर खड़े कर वायडक्ट का निर्माण किया जाता तो रेलवे से घंटों के लिए ब्लाक लेना पड़ता, जिससे कई ट्रेन प्रभावित होती। वहीं स्टील का ब्रिज बनाने पर यहां दो से चार घंटे के ब्लाक में काम हो जाएगा।

दिल्ली के पंजाबी बाग की तर्ज पर बनेगा ब्रिज

रेलवे लाइन के ऊपर बनने वाला स्टील ब्रिज घुमावदार होगा। मेट्रो रेल कंपनी ने दिल्ली मेट्रो द्वारा पंजाबी बाग रेलवे क्रासिंग पर बनाए गए ब्रिज की डिजाइन के आधार पर अपनी डिजाइन रेलवे को सबमिट की है। साथ ही रेलवे क्रासिंग करने के लिए दस लाख रुपए विभाग में जमा कराए हैं।

इनका कहना

हबीबगंज नाके से आरकेएमपी के बीच दो स्टील ब्रिज बनाए जाएंगे। इसके लिए अलवर से स्टील के पार्ट भोपाल पहुंच गए हैं, जबकि कुछ और पार्ट आने बाकी हैं। इनके पहुंचते ही ब्रिज की असेंबलिंग शुरु की जाएगी। रेलवे से जैसे ही ब्लाक मिलेगा, इसकी लांचिग वायडक्ट पर कर दी जाएगी।

– मनीष सिंह, एमडी, मप्र मेट्रो कार्पोरेशन

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