अमेरिका के वीटो से यूएन में खारिज हुआ तत्काल युद्धविराम का प्रस्ताव, ज्यादातर वोट जंग रोकने के पक्ष में पड़े
इजराइल और हमास के बीच कई महीनों से जंग जारी है। इजराइल ने जवाबी कार्रवाई में हमास को तहस-नहस कर दिया है। गाजा में कई दिनों से युद्ध चल रहा है। युद्ध विराम को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मामला उठाया गया। लेकिन गाजा में तत्काल युद्ध विराम का प्रस्ताव खारिज कर दिया गया। अमेरिका ने फिर वीटो का इस्तेमाल कर दिया।
यूएन द्वारा पेश किए गए मसौदा प्रस्ताव में गाजा में तत्काल युद्धविराम और सभी बंधकों की बिना शर्त तत्काल रिहाई की मांग की गई थी। 13 सदस्य देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया। अमेरिका ने प्रस्ताव के खिलाफ वीटो किया, जबकि ब्रिटेन ने मतदान से खुद को अलग रखा।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी दूत रॉबर्ट वुड ने युद्धविराम प्रस्ताव को असंतुलित और वास्तविकता से परे बताया। प्रस्ताव पर वीटो करने के बाद वुड ने कहा कि प्रस्ताव का मसौदा तैयार करने और उस पर मतदान करने की प्रक्रिया में जल्दबाजी की गई और इसमें उचित परामर्श का अभाव था। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से, हमारी लगभग सभी सिफारिशों को नजरअंदाज कर दिया गया। इस जल्दबाजी की प्रक्रिया का परिणाम है कि यह असंतुलित और वास्तविकता से परे था।
मध्य पूर्व की स्थिति पर यूएनएससी की बैठक में अमेरिकी राजदूत रॉबर्ट वुड ने कहा कि अमेरिका गाजा में तत्काल युद्धविराम के आह्वान का समर्थन नहीं करता है, क्योंकि यह सिर्फ अगले युद्ध के लिए बीज बोएगा। वुड ने कहा कि हमास इजराइल के लिए खतरा बना हुआ है। अगर इजराइल ने आज एकतरफा अपने हथियार डाल दिए, जैसा कि कुछ सदस्य देशों ने आह्वान किया है, तो हमास बंधकों को नहीं छोड़ेगा। उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार अपनी सीमाओं पर खतरे को अनुमति नहीं देगी। हमास ने कई दशकों में इजराइल पर सबसे बर्बर हमला किया।
13 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में किया वोट
बता दें कि 13 देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया जबकि अमेरिका ने इसके खिलाफ वीटो किया। वहीं, ब्रिटेन ने वोटिंग से खुद को अलग रखा। चीन और रूस ने अमेरिका ने इस फैसले की कड़ी निंदा की। रूस ने अमेरिका को हर्टलेस बताया। ब्राजील ने कहा कि अगर गाजा में तत्काल युद्धविराम नहीं हुआ तो काफी नुकसान होगा। वहीं, फिलिस्तीनी राजदूत ने प्रस्ताव की विफलता को विनाशकारी बताया। उन्होंने कहा कि गाजा पर इजराइली हमले से और अधिक अत्याचार, हत्याएं और विनाश होंगे।
UN सिक्योरिटी काउंसिल में कुल 15 सदस्य
बता दें कि यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में कुल 15 सदस्य हैं। इनमें पांच स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य हैं। स्थायी सदस्यों में चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल है। वहीं, अस्थायी सदस्यों में अल्बानिया, ब्राजील, इक्वाडोर, गबन, घाना, जापान, माल्टा, मोंजाबिक, स्विट्जरलैंड और यूएई शामिल हैं।
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