धूप निकलने के बाद भी फिजा में घुली ठंडक, आगामी दिनों में और गिरेगा पारा

जामली। 10 दिनों से मौसम में ठंडक बरकरार है। इस समय सुबह शाम कोहरे और धुंध का आलम है। वहीं न्यूनतम तापमान में गिरावट हुई है। ठंड के मौसम ने आम जीवन और फसलों को प्रभावित कर दिया है। गुरुवार को धूप निकलने के बाद भी चल रही ठंडी हवाओं के कारण मौसम ठंडा बना रहा। दोपहर में भी ठंड का अहसास होता रहा। मौसम विभाग आगामी दिनों में और ठंड बढ़ने के आसार व्यक्त कर रहा है। दिनभर बादलों की आवाजाही बनी हुई है।

तापमान में गिरावट

बढ़ती ठंड के चलते तापमान में भी गिरावट देखा जा रहा है। दिसंबर माह के पहले सप्ताह में ठंड में इजाफा हुआ है। एक सप्ताह से तापमान में गिरावट देखी गई। वहीं आगामी तीन दिनों में तापमान में और भी गिरावट की संभावना जताई जा रही है। बुधवार को अधिकतम तापमान 22.4 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 18.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। वहीं गुरुवार को न्यूनतम तापमान में तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई। गुरुवार को अधिकतम तापमान 24.8 डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम तापमान 15.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।

फसलों को धूप की आवश्यकता

पिछले दस दिनों से आसमान में बादल छाए हैं। दस दिनों से सूरज की किरणें नहीं पड़ी है। ऐसे में खेतों में भी फसलों को धूप नहीं मिली। पौधों को इस समय धूप की आवश्यकता लग रही है। गेहूं और चने की फसल किसानों के खेतों में खड़ी है। गुरुवार को हल्की धूप निकली तो फसलों को राहत हुई। इस समय औंस की बूंदे और कोहरे का आलम गेहूं की फसलों पर सुबह सुबह देखा जा रहा है।

इधर कपास की फसलों पर भी पिछले दिनों हुई बारिश का विपरीत असर पडा है। कपास के पौधे हवा से तितर-बितर हो गए है। इधर हाइब्रिड फसलों में भी नुकसान देखा गया। टमाटर, गिलकी, बैंगन, गोभी सहित अन्य सब्जियों की फसलों में नुकसान हुआ है। कई खेतों में गेहूं की फसल पीले पन पर दिखाई दे रही है।

मानव स्वास्थ्य पर असर

ठंड के मौसम में मानव स्वास्थ्य पर असर दिखाई देता है। सर्दी-खांसी और बुखार के लक्षण ऐसे मौसम में दिखाई देते है। इस समय कोहरे से भी बुजुर्ग और बच्चों के स्वास्थ्य में बदलाव आता है। वहीं दमा और श्वास रोगियों के लिए सावधानी की आवश्यकता है। इस समय ठंड के वातावरण में मानव जीवन में भी परिवर्तन हो रहा है। सुबह शाम आम जन ठंड के चलते अलाव का सहारा लेते देखे जाते हैं। लोगों के सवाल स्वेटर दिनभर पहने दिखाई दे रहे हैं।

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