अयोध्या ही नहीं, ये 4 राम मंदिर भी हैं ख्यात, एक बार जरूर करें दर्शन

इंदौर। अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो गया है और इस मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 को दोपहर 12 बजे से 1 बजे की बीच होगी। इस प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में देशभर से हजारों-लाखों रामभक्तों के अयोध्या पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही हैं। अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर भले ही आज चर्चा में हो, लेकिन हम आपको देश के कुछ ऐसे ख्यात राम मंदिरों के बारे में बता रहे हैं, जो काफी ज्यादा प्रसिद्ध है और इनमें से कुछ मंदिरों का पौराणिक महत्व भी है।

राम राजा मंदिर, ओरछा

ओरछा में स्थित राजा राम का मंदिर भी काफी विख्यात है। यह देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां भगवान राम भगवान के रूप में नहीं, बल्कि राजा के रूप में पूजे जाते हैं। यहां भगवान राम को रोज गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया जाता है और शस्त्रों के साथ सलामी भी दी जाती है।

त्रिप्रायर श्री राम मंदिर, केरल

भगवान राम का यह मंदिर केरल के त्रिशूर जिले में स्थित है। पौराणिक मान्यता है कि इस मंदिर में स्थापित मूर्ति महाभारत कालीन है और केरल के चेट्टूवा क्षेत्र के एक मछुआरे द्वारा मंदिर में स्थापित की गई थी। बाद में यहां के राजा वक्कायिल कैमल ने उस मूर्ति को त्रिप्रायर मंदिर में स्थापित किया। केरल का त्रिप्रायर मंदिर काफी खूबसूरत है और यहां दर्शन करने से भक्तों के ऊपर से बुरी आत्मा का साया खत्म हो जाता है।

सीता रामचंद्र स्वामी मंदिर, तेलंगाना

तेलंगाना के भद्राद्री कोठागुडेम जिले के भद्राचलम में सीता रामचंद्र स्वामी मंदिर स्थित है। इस मंदिर में भगवान राम की प्रतिमा धनुष और बाण के साथ स्थापित है। देवी सीता हाथ में कमल लेकर राम के साथ खड़ी हुई है। इस मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।

नासिक का कालाराम मंदिर

महाराष्ट्र के नासिक जिले में पंचवटी क्षेत्र में कालाराम मंदिर स्थित है। यहां भगवान राम की 2 फीट की प्रतिमा माता सीता और लक्ष्मण के साथ में विराजित है। पौराणिक मान्यता है कि 14 वर्ष के वनवास के दौरान भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण यहां पंचवटी में रहे थे। यह मंदिर गोदावरी नदी के किनारे स्थित है।

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