मुरैना। मुरैना पुलिस की साइबर टीम ने लूट, चोरी और गुम हुए 250 मोबाइल ढूंढ निकाले। कोई मोबाइल छह महीने बाद तो कोई डेढ़ साल बाद दूसरे राज्यों तक में खोज लिया, लेकिन पुलिस के हाथ मोबाइल लूटने या चुराने वाला एक भी आरोपित नहीं लगा। इस मामले में एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान का तर्क है, कि लूट-चोरी के मोबाइल के प्रकरण अलग चल रहे हैं, यह सिर्फ खोए हुए मोबाइल हैं।
चोरी या लूटे गए मोबाइल
शुक्रवार को पुलिस लाइन में प्रेसवार्ता बुलाकर साइबर टीम की इस उपलब्धि को एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान एवं एएसपी डा. अरविंद ठाकुर ने बताया। अफसरों के सामने 250 मोबाइल रखे हुए थे। एसपी चौहान ने बताया, कि यह मोबाइल राजस्थान, उप्र, दिल्ली और गुजरात तक से खोजकर लाए गए हैं। इनमें भूतपूर्व सैनिक, खिलाड़ी, पुलिसकर्मी, छात्र, गृहिणी और खिलाड़ियों तक के मोबाइल हैं। पुलिस अफसरों ने बताया, कि यह गुम हुए मोबाइल हैं। जिन लोगाें के मोबाइल चोरी या लूटे गए हैं, उनके प्रकरण अलग से चल रहे हैं।
दूसरी ओर पुलिस ने जिन लोगों को मोबाइल लौटाए हैं, उनमें से कईयों ने पुलिसकर्मियों के सामने ही बताया, कि उनका मोबाइल चोरी हुआ, किसी ने मोबाइल लूट की घटना बताई।
चार महीने पहले मैं अपने घर के बाहर सड़क पर फोन से बात कर रहा था, इसी दौरान अपाचे बाइक से दो लोग आए। दोनों के मुंह पर नकाब बंधा था। पीछे बैठे युवक ने मेरा फोन छीन लिया और फिर रफ्तार में वहां से भाग निकले। आज थाने से फोन आया, कि मेरा मोबाइल मिल गया है तो मैं लेने आ गया मुझे नहीं पता मोबाइल छीनने वाले पकड़े या नहीं।
मोहनीश सिद्दीकी
मोबाइल गुम होने के बाद जब भी कोई उपयोग करता है तब वह ट्रेस हो पाता है।साइबर टीम ने एक-एक मोबाइल ट्रेस करके मोबाइल का उपयोग कर रहे व्यक्ति को फोन लगाया, अधिकांश ऐसे हैं जो खुद आकर मोबाइल पुलिस को दे गए। ऐसे में उन पर क्या कार्रवाई होती। चोरी-लूटे गए मोबाइलों के प्रकरण अलग से चल रहे हैं, उनमें कुछ आरोपित थानों की टीमों ने पकड़े भी हैं।
शैलेंद्र सिंह चौहानएसपी, मुरैना
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