बीना। कहते हैं ना कि मौत का स्थान और जगह सब तय होता है। बात भले अटपटी हो लेकिन दिल्ली निवासी ताहिर खान के मामले में तो कुछ ऐसा ही हुआ। ताहिर एक बार चलती ट्रेन से बीच पटरी पर गिर गया, लेकिन उसे कुछ नहीं हुआ। वह उठकर खड़ा हुआ और पटरी पार करने लगा, तभी 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गुजर रही वंदे भारत की चपेट में आ गया और उसकी मौत हो गई।
किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था
बीना पुलिस के अनुसार ताहिर (28) पिता मोहम्मद साबिर खान कनार्टका एक्सप्रेस से दिल्ली से बेंगलुरु जा रहा था। मंगलवार सुबह सात बजे बीना से लगभग तीन से चार किमी बाद पड़रिया रेलवे गेट के पास वह ट्रेन से गिर गया। हालांकि उसे ज्यादा चोट नहीं आई, इसलिए वह उठा और रेल लाइन पार करने लगा। किंतु किस्मत को शायद कुछ और ही मंजूर था। ट्रैक पार करने के दौरान ही हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से भोपाल स्थित रानी कमलापति रेलवे स्टेशन की ओर जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस ने उसे रौंद दिया।
हादसे को वहां मौजूद रेल कर्मचारियों ने देखा। उन्होंने तत्काल डायल 100 को सूचना दी। मौके पर पहुंची डायल 100 ने 108 एंबुलेंस को बुलाया। एंबुलेंस मौके तक नहीं पहुंच पा रही थी, ऐसे में डायल 100 के पायलट केके मिश्रा और जितेंद्र नाहर ने ग्रामीणों की मदद से उसे एंबुलेंस तक पहुंचाया। उसे तत्काल सिविल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। अस्पताल में उपस्थित ड्यूटी डाक्टर वीरेंद्र ठाकुर ने युवक को मृत घोषित कर दिया। जीआरपी ने मामला जांच में लेकर शव को पोस्टमार्टम रूम में रखवा दिया है।
मोबाइल से हुआ स्वजनों से संपर्क
पायलट केके मिश्रा ने बताया कि घायल के पास एक की-पैड वाला मोबाइल था, जिसमें उसके बड़े भाई का नंबर दिखा। इस नंबर पर बात की गई और घटना के बारे में बताया। इसके बाद लगातार उनके फोन आते रहे। सूचना मिलने के बाद स्वजन दिल्ली से बीना के लिए निकल गए थे।
140 की रफ्तार से निकल रही थी वंदे भारत
निजामुद्दीन-रानी कमलापति वंदे भारत सुपरफास्ट का बीना में स्टापेज नहीं होता है, इसलिए बीना से निकलते ही ट्रेन की रफ्तार 120 से 160 किमी प्रति घंटा तक हो जाती है। बताया जा रहा है कि जिस वक्त हादसा हुआ तब गाड़ी 140 की रफ्तार से चल रही थी। ट्रेन से टकराने के बाद ताहिर का एक हाथ बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका था।
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