भोपाल । महुआ से निर्मित हेरिटेज शराब वाइनशाप के साथ ही प्रदेश के एयरपोर्ट और पर्यटन निगम के होटलों में भी मिलेगी। इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार ने महुआ से निर्मित हेरिटेज शराब के उत्पादन के लिए बने नियमों में परिवर्तन कर दिया है।
प्रदूषण नियंत्रण मंडल की एनओसी नहीं लगेगी
इसके बाद अब महुआ की शराब निर्माण के लिए प्रदूषण नियंत्रण मंडल की एनओसी नहीं लगेगी। हालांकि, आबकारी विभाग ने अपने नियमों में इसका प्रविधान हटा दिया है लेकिन यदि प्रदूषण नियंत्रण मंडल अपने विनियमों में इसका प्रविधान करेगा तो फिर यह एनओसी लेना आवश्यक हो जाएगा।
आलीराजपुर जिले में हो रहा निर्माण
फिलहाल प्रदेश में आलीराजपुर जिले के ब्लाक कट्टीवाड़ा के ग्राम कोछा में आदिवासी वर्ग के हनुमान आजीविका स्वसहायता समूह द्वारा महुआ से हेरिटेज शराब का निर्माण किया जा रहा है। हेरिटेज शराब प्रदेश के चुनिंदा एयरपोर्ट, पर्यटन निगम की होटलों एवं वाईन के आउटलेट पर विक्रय के लिए उपलब्ध कराई गई है। वहीं डिंडौरी जिले के ब्लाक अमरपुर के ग्राम भाखानाल में स्थित मां नर्मदा आजीविका स्वसहायता समूह द्वारा अभी हेरिटेज शराब का निर्माण शुरु नहीं किया गया है।
आबकारी आयुक्त का अनुमोदन जरूरी
नये बदलावों के बाद अब हेरिटेज शराब के विनिर्माता मूल्य, अधिकतम फुटकर मूल्य एवं न्यूनतम विक्रय मूल्य का निर्धारण आबकारी आयुक्त के अनुमोदन से होगा। हेरिटेज शराब की फुटकर दुकान चलाने का एचएल-2 लायसेंस पांच हजार रुपये प्रति वर्ष के स्थान पर एक हजार रुपये प्रति वर्ष लगेगा।
आर्हता का प्रविधान समाप्त
स्वसहायता समूह में कम से कम 25 सदस्य दसवीं कक्षा अथवा उसके समकक्ष आर्हता रखने वाला प्रविधान अब खत्म कर दिया गया है। हेरिटेज शराब निर्माण इकाई में योग्यता प्राप्त विशेष केवल अनुसूचित जनजाति समुदाय का ही हो सकेगा तथा इकाई में केवल अनुसूचित जनजाति समुदाय के व्यक्यिों से ही समस्त प्रकार की गतिविधियों का संचालन करवाया जाएगा। इसी तरह अब हेरिटेज शराब के परिवहन के लिए एक ही अनुज्ञा-पत्र होगा। पहले अलग-अलग परिवहन अनुज्ञा-पत्रों का प्रविधान था।
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