उज्जैन। मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की काल भैरव अष्टमी पांच दिसंबर को प्रीति योग में आ रही है। इस दिन भगवान भैरव के जन्म की मान्यता है। कालभैरव मंदिर में मध्य रात्रि 12 बजे भगवान का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। शहर के अष्ट महाभैरव मंदिर में भी उत्सव मनाया जाएगा। छह दिसंबर को भगवान कालभैरव की सवारी निकाली जाएगी।
जन्मोत्सव मध्य रात्रि में प्रीति योग में
ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला के अनुसार भैरव जन्मोत्सव गणना के अनुसार देखें तो इस बार भैरव जी का जन्मोत्सव मध्य रात्रि में प्रीति योग में होगा। 27 योगों के अंतर्गत आने वाला यह योग विशेष लाभ देने वाला बताया गया है। इस दौरान की मध्य रात्रि साधना के अनुकूल फल प्रदान करती है।
स्कंद पुराण के अवंतिखंड में उल्लेख
उज्जैन में अष्ट महाभैरव की यात्रा का विशेष है। इसका उल्लेख स्कंद पुराण के अवंतिखंड में मिलता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार उज्जैन के अष्ट महाभैरव में क्रमशः काल भैरव, विक्रांत भैरव, सीता सित भैरव, आताल पाताल भैरव, आनंद भैरव, बटुक भैरव, दंड पाणि भैरव आदि का उल्लेख दिया गया है। उनकी विधिवत यात्रा एवं व्रत उपवास करने से इच्छित मनोरथ की प्राप्ति होती है।
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