मंदिर में शाम को आरती चल रही थी, इसी दौरान बच्चे के रोने की आवाज आई तो लोगों ने बाहर आ कर देखा। यहां एक टोकरी में बच्चा और यह रूपए व अन्य सामान पडे थे। बच्चे को देख कर कई लोग उसे गोद लेने के लिए भी तैयार हो गए।
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पुलिस को सूचना मिली तो उसे वह बच्चो के सरकारी अस्पताल में ले गई। यहां बच्चे की जांच में पता चला कि उसे दिल से सम्बन्धित कोई जन्मजात बीमारी है और डाउन सिंड्रोम नाम की इस बीमारी में बच्चे का मानसिक विकास कम होता है।
अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अशोक गुप्ता का कहना है कि बच्चा दस-बारह दिन का है और लगता यही है कि बच्चे के माता-पिता को जब उसकी बीमारी के बारे में पता चला होगा तो वे उसे इस तरह छोड गए है। इलाज के लिए पैसा भी छोडा है। फिलहाल बच्चा अस्पताल में ही भर्ती है।
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