उज्जैन । मोक्षदायिनी शिप्रा नदी के किनारे कार्तिक पूर्णिमा (इस बार 26-27 नवंबर को) से लोक पारंपरिक मेला लगाने की परंपरा है, जो इस साल टूट रही है।
नगर निगम के प्रभारी आयुक्त आशीष पाठक का कहना है कि कार्तिक मेला चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के बाद ही लगेगा। 3 दिसंबर को चुनाव परिणाम घोषित हो जाएंगे। जनप्रतिनिधि ही मेले की तारीख और कार्यक्रम तय करेंगे। हां, इसके पहले 28 नवंबर को मेले में दुकान, झूले लगाने को भूखंड का आवंटन कर दिया जाएगा।
मालूम हो कि मालवांचल की लोक संस्कृति को जीवित रखने और लोगों को उम्दा व्यापार-व्यवसाय के अवसर मुहैया कराने के लिए नगर निगम कई वर्षों से कार्तिक मेले का आयोजन कर रही है।
परंपरा हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन से मेले का शुभारंभ करने की है, मगर इस बार शुभारंभ अनौपचारिक रूप से भी नहीं किया जा रहा है। वजह, मेला लगाने की अनुमति निर्वाचन आयोग से देरी से मिलना है। जिसके कारण निगम अधिकारी मेले में दुकान, झूले लगाने को भूखंड आवंटित करने की प्रकिया समय रहते न कर पाए।
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