शहीद होने से पहले कैप्टन प्रांजल ने पत्नी को थी ये आखिरी कॉल.. पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही बड़ी संख्या में लोगों ने दी श्रद्धांजलि
बेंगलुरु: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए कैप्टन एम वी प्रांजल को बड़ी संख्या में लोगों ने श्रद्धांजलि दी। उनके पार्थिव शरीर को शुक्रवार रात विमान से बेंगलुरु लाया गया और बाद में यहां के निकट आनेकल तालुका में उनके माता-पिता के घर ले जाया गया। शोक संतप्त लोगों ने कैप्टन प्रांजल के पार्थिव शरीर के पास जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। बेंगलुरु ग्रामीण क्षेत्र से सांसद डी. के सुरेश और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर अशोक ने भी श्रद्धांजलि दी और शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।
पत्नी अदिति से अंतिम बार फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने कहा था कि वो ऑपरेशन के लिए जा रहे हैं और सब ठीक रहा तो गुरुवार को बात कर पाएंगे लेकिन होनी को कुछ और मंजूर था और बुधवार को जब उनके शहीद होने की खबर आई तो परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। बता दें कि राजौरी में हुई इस मुठभेड़ में कैप्टन प्रांजल सहित चार सैनिक शहीद हो गए थे।
राज्य सरकार द्वारा ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया
इसके बाद, शहीद कैप्टन प्रांजल को सेना और राज्य सरकार द्वारा ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया। उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए कुडलू गेट स्थित श्मशान घाट ले जाया जाएगा। जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में बुधवार को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए कैप्टन प्रांजल के परिवार में पत्नी और माता-पिता हैं। वह 63 राष्ट्रीय राइफल्स में अधिकारी थे। उनके पार्थिव शरीर के कल रात यहां एचएएल हवाई अड्डा पर पहुंचने के बाद कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत और मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी।
परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान
सिद्धरमैया ने शोक प्रकट करते हुए शहीद के परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया। शहीद कैप्टन के अंतिम संस्कार के मद्देनजर विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आज उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच की मंजूरी वापस लेने के मंत्रिमंडल के फैसले को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन स्थगित कर दिया है।
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