बुरहानपुर। भावसा बांध के डूब क्षेत्र स्थित इमली के पेड़ पर बीते साढ़े चार माह से जिंदगी की जंग लड़ रहे पांच वानरों को बाहर निकालने में वन अमले को आधी सफलता मिल गई है। बुधवार को तीन वानर सुरक्षित बाहर निकल गए हैं।
इसके लिए वन विभाग ने मोटी लकड़ी और रस्सी का पानी में तैरने वाला सीढ़ीनुमा पुल बनाया था। इसे पेड़ के पास से बांध के किनारे तक पहुंचाया गया है। साथ ही पेड़ के नीचे चार बड़े ट्यूब पर लकड़ी रखकर मचान भी बनाया गया ताकि वानर पेड़ से नीचे उतर सकें। शेष दो वानरों को बाहर निकालने के लिए गुरुवार सुबह से वन अमला फिर अभियान चलाएगा।
उल्लेखनीय है कि जिला मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर वन क्षेत्र से लगे बांध के अंतिम छोर में वानरों के पेड़ पर फंसे होने और अब तक पचास वानरों की दर्दनाक मृत्यु होने का मुद्दा नईदुनिया ने प्रमुखता से उठाकर जिम्मेदारों का ध्यान आकृष्ट कराया था। इसके बाद वन विभाग के अफसरों ने शेष वानरों का जीवन बचाने के लिए जरूरी कदम उठाए हैं।
नईदुनिया ने फिर झूठ उजागर किया
ज्ञात हो कि बुधवार दोपहर उप वन मंडलाधिकारी अजय सागर ने एक वीडियो जारी कर सभी वानरों के बाहर आ जाने का दावा किया था, लेकिन नईदुनिया ने जब इसकी पड़ताल कराई तो आधी सच्चाई मिली। इसकी जानकारी मिलने के बाद उन्होंने देर शाम दो वनकर्मियों को पुष्टि करने मौके पर भेजा था। वानरों के शेष बचे होने की पुष्टि होने पर उन्होंने पुल को यथास्थिति में रखने के निर्देश दिए हैं।
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