मंदसौर। मंदसौर जिले में विद्युत ट्रांसफार्मरों से आइल चोरी की घटनाओं ने बिजली कंपनी की परेशानियों को बढ़ा दिया है। एक अप्रैल से 31 अक्टूबर तक जिले में 784 ट्रांसफार्मरों से चोरों ने आइल चुराया है।
जबकि पिछले साल अप्रैल से अक्टूबर तक के सात माह में ट्रांसफार्मरों से आइल चोरी की 607 घटनाएं हुई थी। आइल चोरी की बढ़ रही घटनाओं को लेकर पुलिस के ज्यादा विद्युत कंपनी के अधिकारी चिंतित है। ट्रांसफार्मरों से आइल चोरी की घटनाएं जिलेभर में हो रही है।
आइल चोरी होते ही ट्रांसफार्मर बंद हो जाते हैं, जिसके कारण विद्युत सप्लाई प्रभावित होता है। सबसे ज्यादा परेशानी रबी सीजन में सामने आती है जब सिंचाई के लिए विद्युत सप्लाई के लिए अस्थाई कनेक्श दिये जाते है तब आइल चोरी के कारण ट्रांसफार्मर फेल हो जाने से नया ट्रांसफार्मर लगाने व अन्य प्रक्रिया में समय लगता है। अधिकारियों के अनुसार ट्रांसफार्मरों से आइल चोरी के कारण बहुत परेशानियां हो रही है।
अधिकांश ट्रांसफार्मर खेतों के आसपास व सुनसान क्षेत्रों में ही होते है, ट्रांसफार्मरों से आइल चोरी करने वाले बदमाश इसी का फायदा उठाते है। आइल चोरी के मामलों में पुलिस भी कभी-कभार एक-दो मामले ही ट्रेस कर पाती है, जबकि जिले में हर माह औसतन 112 ट्रासंफामरों से आइल चोरी हो रहा है, यानि हर दिन करीब चार ट्रांसफार्मरों से चोर आइल चोरी हो रहा है।
सितंबर में बिजली की मांग बढ़ते ही सामने आती है परेशानियां
ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई कनेक्शन के लिए लगे रबी सीजन की शुरुआत होते ही ट्रांसफार्मरों की आवश्यकता होने लगती है। सितंबर माह में सिंचाई के लिए अस्थाई कनेक्शन दिए जाने की प्रक्रिया के बीच जब सप्लाई शुरू होती है तब ट्रांसफार्मरों से आइल चोरी होने का पता चलता है।
आइल चोरी होने के बाद विद्युत सप्लाई जारी रहने से ट्रांसफार्मर फेल हो जाते है। इसके बाद सुधार व अन्य कार्य में अधिक समय लगता है। इसके कारण बिजली व्यवस्था को बनाए रखने में परेशानियां हो रही है।
90 से 200 लीटर तक आइल होता है एक ट्रांसफार्मर में
विद्युत ट्रांसफार्मर में ताप को नियंत्रित रखने के लिए आइल भरा जाता है। अधिकारियों के अनुसार ट्रांसफार्मर में 90 लीटर से लेकर 200 लीटर तक आइल भरा जाता है। ट्रांसफार्मर से खेतों व अन्य सूनसान क्षेत्रों में होने से बदमाश आसानी से आइल चोरी कर लेते है।
ट्रांसफार्मर से आइल चोरी होने के बाद विद्युत सप्लाई जारी रहने से ट्रांसफार्मर फेल हो जाता है। बदमाशों द्वारा आइल चुराने के बाद वाहन चलाने में भी उपयोग कर लिया जाता है। वहीं आइल चोरी के अधिकांश मामलों में पुलिस चोरों का पता भी नहीं लगा पाती है। इसके कारण चोरों के हौंसले बुलंद है।
पिछले साल से भी अधिक हुई आइल चोरी
मंदसौर जिले में एक अप्रैल से 31 अक्टूबर तक सात माह में 784 विद्युत ट्रांसफार्मरों से आइल चोरी की घटनाएं हुई है। जबकि पिछले साल एक अप्रैल से 31 अक्टूबर तक के सात में जिले में 607 ट्रांसफार्मरों से आइल चोरी की घटनाएं हुई थी।
अप्रैल से 2022 से 31 मार्च 2023 तक पूरे साल में 1054 ट्रांसफार्मरों से आइल चोरी हुई थी। अधिकारियों का कहना है आइल चोरी की घटनएाएं कम होने की बजाय लगातार बढ़ रही है। इसके कारण व्यवस्था प्रभावित होती है।
ट्रांसफार्मरों से आइल चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। इसके कारण विद्युत सप्लाई व्यवस्था को बनाए रखने में परेशानियां होती है। सात माह में जिले में 784 ट्रांसफार्मरों से आइल चोरी हुई है। पिछले साल अप्रैल से अक्टूबर तक 607 ट्रांसफार्मर से आइल चोरी हुआ था। आइल चोरी होने से ट्रांसफार्मर फेल हो जाते है, इसके कारण विद्युत सप्लाई व्यवस्था प्रभावित होती है। – सुधीर आचार्य, अधीक्षण यंत्री एमपीईबी मंदसौर
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.