धर्म के नाम पर वोट मांगने वाले काम के आधार पर वोट नहीं मांग सकते: प्रियंका गांधी

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने सोमवार को कहा कि जो लोग धर्म या जाति के नाम पर वोट मांगते हैं, वे अपने काम के आधार पर वोट नहीं मांग सकते। प्रियंका ने केकड़ी (अजमेर) में चुनावी जनसभा में यह बात की। मुख्य विपक्षी दल भाजपा पर एक तरह से निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘धर्म की बात, जाति की बात चुनाव के समय क्यों होती है? जो नेता चुनाव के समय यह बात कर रहा है इसका मतलब है कि इसके आधार पर वोट मांग रहा है।

वह कह रहा है कि धर्म या जाति के आधार पर वोट दो, तो इसका मतलब है कि वह काम के आधार पर वोट नहीं मांग सकता।” उन्होंने लोगों से जागरूकता के साथ और सरकार के काम के आधार पर मतदान करने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि राजस्थान में कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता एकजुट होकर चुनावी रणभूमि में उतरे हैं जबकि यहां भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह बिखरी हुई है। उन्होंने कहा कि पार्टी के बड़े बड़े स्थानीय नेताओं को किनारे कर दिया गया है।

प्रियंका ने आरोप लगाया कि भाजपा की नीति बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने की है, वह गरीबों और मध्यम वर्ग के बारे में नहीं सोचती। उन्होंने कहा, “आपसे खींचना और बड़े-बड़े उद्योगपतियों को सींचना। यह उनकी नीति है।” कांग्रेस नेता ने लोगों से पार्टी के उम्मीदवारों को जिताने की अपील करते हुए आगाह किया कि अगर राज्य में भाजपा की सरकार बनी तो वह मौजूदा कांग्रेस सरकार की सभी जनकल्याणकारी योजनाएं बंद कर देगी।

उन्होंने कांग्रेस सरकार द्वारा दी जा रही दस गारंटियों का भी जिक्र किया। कांग्रेस ने राज्य में सात गारंटियों की घोषणा करते हुए कहा है कि दोबारा सत्ता में आने पर वह इन्हें लागू करेगी। इन सात गारंटियों में परिवार की महिला मुखिया को 10,000 रुपये की वार्षिक सम्मान राशि देना, 1.05 करोड़ परिवारों को 500 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर देना, पशुपालकों से दो रुपये प्रति किलो की दर से गोबर की खरीद, सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना का कानून बनाना, सरकारी कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले छात्रों को टैबलेट या लैपटॉप देना शामिल है।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.