इंदौर जिले में 2018 के मुकाबले बढ़ा मतदान प्रतिशत, इंदौर-चार में सबसे अधिक

इंदौर। विधानसभा चुनाव 2023 में इंदौर जिले में 73.75 प्रतिशत मतदान हुआ है, जबकि 2018 विधानसभा चुनाव में 71.45 प्रतिशत मतदान हुआ था। जिले में इस बार गत विधानसभा चुनाव की अपेक्षा 2.30 प्रतिशत अधिक मतदान हुआ। 2018 के विधानसभा चुनाव की अपेक्षा इस वर्ष शहरी क्षेत्र की सभी छह विधानसभा सीटों पर मतदान प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इंदौर चार में सबसे अधिक 4.53 प्रतिशत मतदान बढ़ोतरी हुई। दूसरे नंबर पर इंदौर-एक सीट रही, जहां 2.82 प्रतिशत मतदान बढ़ा। इंदौर-दो में 2.52, इंदौर-पांच में 2.23, राऊ में 1.35, इंदौर-तीन में 0.80 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।

विधानसभा चुनाव की ईवीएम स्ट्रांग रूम में जमा होने के साथ ही मतदान का प्रतिशत भी सामने आ चुका है। इंदौर जिले में पांच साल पहले हुए विधानसभा चुनाव 2018 की अपेक्षा इस बार अधिक मतदान हुआ। इंदौर जिले में 27 लाख 55 हजार 433 मतदाता हैं। इनमें पुरुष 13 लाख 92 हजार 509 और महिलाएं 13 लाख 62 हजार 818 हैं। 106 मतदाता थर्ड जेंडर के हैं। इस बार जिले में 20 लाख 32 हजार 266 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। इसमें 10 लाख 52 हजार 634 पुरुष और 9 लाख 79 हजार 572 महिलाएं हैं।

ग्रामीण विधानसभा सीटों पर मतदान का प्रतिशत अधिक

जिले की सभी नौ विधानसभा क्षेत्रों के मतदान प्रतिशत का आकलन करें तो ग्रामीण क्षेत्र देपालपुर, सांवेर और महू अव्वल रही। सबसे अधिक मतदान देपालपुर में 82.42 प्रतिशत, सांवेर में 80.23 प्रतिशत और महू में 77.35 प्रतिशत हुआ। इसके बाद शहरी क्षेत्र की छह विधानसभा क्षेत्र का नंबर है।

गत चुनाव की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में कम रहा मतदान

2018 की अपेक्षा 2023 के विधानसभा चुनाव में इंदौर के ग्रामीण क्षेत्रों में शुमार विधानसभा क्षेत्र देपालपुर, महू और सांवेर में मतदान प्रतिशत में कमी आई है। देपालुपर में 0.23 प्रतिशत, सांवेर में 0.74 प्रतिशत और महू में 2.07 प्रतिशत मतदान कम हुआ।

विधानसभा क्षेत्र के अनुसार आकलन

विधानसभा क्षेत्र 2023 2018 अंतर
देपालपुर 82.42 82.65 0.23
सांवेर 80.23 80.97 0.74
महू 77.35 79.42 2.07
राऊ 75.98 74.63 1.35
इंदौर-5 67.90 65.67 2.23
इंदौर-4 72.28 67.75 4.53
इंदौर-3 71.24 70.44 0.80
इंदौर-2 67.37 64.85 2.52
इंदौर-1 72.08 69.26 2.82

ये रहे अधिक मतदान के कारण

  • जिला प्रशासन ने मतदाता जागरूकता संबंधी कार्यक्रम लगातार चलाए।
  • युवाओं के नाम बड़ी संख्या में मतदाता सूची में जोड़े गए।
  • कालेजों और स्कूलों में मतदान जागरूकता कार्यक्रम हुए।
  • सामाजिक संगठनों के बीच मतदान की पहल कार्यक्रम।
  • शहर के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों द्वारा मतदान प्रोत्साहन उपहार की घोषणा।
  • शहर की अधिकांश सीटों पर कड़ा मुकाबला, जिससे कार्यकर्ताओं ने अधिक मतदान कराया।

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