जद (एस) के प्रदेश अध्यक्ष एच.डी. कुमारस्वामी ने शनिवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उनके बेटे यतींद्र के बीच फोन पर हुई बातचीत में उल्लिखित एक अधिकारी का नाम पिछली रात जारी पुलिस निरीक्षकों की स्थानांतरण सूची में शामिल है। बृहस्पतिवार को, कुमारस्वामी ने फोन पर हुई बातचीत को कथित “तैनाती के लिए नकद” घोटाले से जोड़ने की मांग की, इस आरोप को हालांकि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने 17 नवंबर को पुलिस विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण सूची भी साझा की। आदेश सूची में 13 नाम हैं। सूची में राज्य खुफिया विभाग से मैसूरु शहर के वी.वी. पुरम पुलिस स्टेशन में विवेकानंद नाम के एक अधिकारी के स्थानांतरण को दर्शाया गया है। इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि रिकॉर्ड से साबित हुआ है कि यतींद्र सिद्धरमैया के साथ उनकी बातचीत वरुणा निर्वाचन क्षेत्र में सरकारी स्कूलों के विकास से संबंधित थी, इसके बाद भी कुमारस्वामी ने लोगों को गुमराह करने के लिए आज एक और झूठ फैलाने की कोशिश की है।
सिद्धरमैया ने कहा, “हमारी बातचीत में जिस विवेकानन्द का जिक्र है, वह मैसूरु तालुक के बीईओ (ब्लॉक शिक्षा अधिकारी) हैं, लेकिन कुमारस्वामी किसी स्थानांतरण सूची में विवेकानन्द नाम के एक अधिकारी का नाम लेकर आए।” मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर पूछा, “ऐसा लगता है कि अपने जीवनकाल में दोबारा सत्ता न हासिल कर पाने की राजनीतिक हकीकत ने पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी की नींद छीन ली है और उनकी मानसिक स्थिति खराब कर दी है। क्या किसी शुभचिंतक को उनके समुचित इलाज की व्यवस्था नहीं करनी चाहिए?” ‘एक्स’ पर कुमारस्वामी ने यह जानना चाहा कि फोन पर बातचीत में जिस विवेकानंद का नाम आया था, वह उनके द्वारा लगाए गए आरोपों के 48 घंटों के भीतर स्थानांतरण सूची में कैसे आ गए।
मुख्यमंत्री की निंदा करते हुए कुमारस्वामी ने कहा, “भगवद् गीता के श्लोक हैं… एक बार आप (सिद्धरमैया) अपना मुंह खोलतें हैं तो आपकी जीभ पर नैतिकता के उद्धरण होते हैं! आप अपने भाषण में हर समय नैतिक मूल्यों की बात करते हैं! लेकिन अंत में (आप) नकदी के पीछे दिखते हैं। अब मुख्यमंत्री साहब की अंतरात्मा दिख गई! आपको (मुख्यमंत्री को) शर्म आनी चाहिए।”
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