इंदौर। सनातन धर्म में दीपावली के बाद सबसे बड़ा त्योहार छठ पूजा होती है। 4 दिनों तक मनाए जाने वाले इस त्योहार की शुरुआत आज 17 नवंबर को नहाय-खाय की परंपरा के साथ शुरू हो चुका है। गौरतलब है कि हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा की जाती है। बिहार और पूर्वांचल में यह त्योहार पूरे उल्लास के साथ मनाया जाता है। संतान प्राप्ति और संतान की लंबी उम्र के लिए महिलाएं इसमें 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती है। वहीं इस व्रत में छठी माता और सूर्य देव की विशेष आराधना की जाती है।
#WATCH बिहार: पटना में ‘छठ पूजा 2023’ के अवसर पर दीघा घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। इस दौरान श्रद्धालु पवित्र स्नान और पूजा करते दिखे। pic.twitter.com/osB3YSxGQY
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 17, 2023
17 से 20 नवंबर तक चलेगा छठ पर्व
हिंदू पंचांग के मुताबिक, 4 दिन तक मनाया जाने वाला छठ पर्व इस साल आज 17 नवंबर से शुरू हो चुका है और 20 नवंबर को समाप्त होगा। इसमें 17 नवंबर को पहले दिन नहाय खाय की प्रथा के साथ पर्व की शुरुआत होगी। वहीं दूसरे दिन खरना पूजा होती है। तीसरे दिन 19 नवंबर को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और अंतिम दिन 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ पर्व का समापन होगा।
नहाय-खाय में इन बातों का रखें ध्यान
दिवाली के चार दिन बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को नहाय खाय होता है। इस दौरान शुद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। घर के सभी सदस्यों को सुबह जल्दी स्नान के बाद साफ कपड़े पहनना चाहिए। इस व्रत के दौरान पवित्र गंगा नदी में स्नान को बेहद शुभ माना जाता है।
व्रत के दौरान सात्विक भोजन भी खाना चाहिए। परंपरा के मुताबिक, नहाय खाए को दौरान अधिकांश घरों में पूरा परिवार चावल, लौकी की सब्जी, चने की दाल आदि ग्रहण करते हैं। परिवार के सभी सदस्यों को साथ में खाना चाहिए। पहले दिन पूरा खाना सेंधा नमक डालकर ही बनाना चाहिए। घर के जो सदस्य व्रत रखते हैं, उन्हें बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए।
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