उज्जैन। नई पेठ स्थित माता गजलक्ष्मी मंदिर में शुक्रवार को धनत्रयोदशी से पांच दिवसीय दीपपर्व का उल्लास छाएगा। तीन दिन तक सुबह 8 बजे से महालक्ष्मी का दुग्धाभिषेक होगा। दीपावली पर शाम को छप्पन पकवानों का भोग लगाकर महाआरती की जाएगी। मध्यरात्रि 2 बजे तक दर्शन का सिलसिला चलेगा।
सोमवार को सौभाग्यवती महिलाओं को सौभाग्य सिंदूर बांटा जाएगा। लोकमान्यता में माता गजलक्ष्मी उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य की राज्य लक्ष्मी है। कालांतर में मंदिर के आसपास हीरे जवाहरात का कारोबार होता था।
आज भी मंदिर से कुछ ही दूरी पर सराफा बाजार है, जहां सोने चांदी का व्यापार होता है। प्राचीन मंदिर में माता गजलक्ष्मी हाथी पर विराजित हैं। मान्यता है शुक्रवार के दिन माता गजलक्ष्मी को लाल कमल का फूल अर्पित करने से भक्तों को धन धान्य की प्राप्ति होती है।
तीन दिन दुग्धाभिषेक
दीपावली के पांच दिन माता की विशेष आराधना की जाती है। इस बार भी 10 नवंबर को धनतेरस से पूजा अर्चना का विशेष अनुक्रम शुरू होगा। पं.राजेश पुजारी ने बताया धनतेरस से दीपावली तक तीन दिन सुबह 8 बजे से माता गजलक्ष्मी का दुग्धाभिषेक होगा। दीपावली के दिन 21 सौ लीटर दूध से अभिषेक किया जाएगा। दिन में माता का विशेष शृंगार कर पूजा अर्चना की जाएगी।
इसके बाद हवन होगा। शाम को छप्पन पकवानों का भोग लगाकर महाआरती की जाएगी। सुबह से रात 2 बजे तक दर्शनार्थियों का तांता लगा रहेगा। सोमवार को सौभाग्यती महिलाओं को सौभाग्य कुमकुम व प्रसादी बांटी जाएगी।
सौभाग्येश्वर महादेव मंदिर में बटेगा सौभाग्य कुमकुम
पटनी बाजार स्थित श्री सौभाग्येश्वर महादेव मंदिर में 14 नवंबर सुहाग पड़वा पर महिलाओं को सौभाग्य सिंदूर का वितरण किया जाएगा। पुजारी पं.प्रवीण पंड्या व पं.राजेश पंड्या ने बताया सौभाग्येश्वर महादेव अखंड सौभाग्य प्रदान करने वाले माने गए हैं।
इसी मान्यता के चलते हरितालिका तीज व सुहाग पड़वा पर सैकड़ों महिलाएं भगवान सौभाग्येश्वर महादेव के दर्शन व पूजन करने आती हैं। सुहाग पड़वा पर महिलाओं को वर्षभर शिव पूजा व शृंगार में उपयोग किया गया कुमकुम अखंड सौभाग्य के रूप में वितरित किया जाता है। इस दिन भगवान को अन्नकूट का महाभोग भी लगाया जाएगा।
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