राष्ट्र चंडिका न्यूज़ सिवनी,ये दौर सोशल मीडिया का है। सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा बाढ़ फर्जी पत्रकारों की आई हुई है। 150 रुपये का माइक, फेसबुक और यूट्यूब पर एक चैनल और शुरु हो गई पत्रकारिता, पर इस तरह से पत्रकारिता कम फर्जीवाड़ा ज्यादा हो रहा है। इस तरह से पत्रकार बनने की एक और महत्वपूर्ण शर्त है कि बड़े-बड़े अधिकारी नेता के साथ सेल्फी और तस्वीर जरुर होनी चाहिए। ये तस्वीर उनके सोशल मीडिया प्रोफाइल पर लगी होनी चाहिए। उसके बाद तो जलवे ही हैं।
सिवनी में तो इस फर्जी पत्रकारिता की आड़ में दलाली और ठगी का धंधा जोरों पर है। ऐसे पत्रकारों की कुछ हरकतें हम आपके साथ साझा कर रहे हैं। अपरिहार्य कारणों से हम इनका नाम सार्वजनिक नहीं कर सकते हैं।
ये पत्रकार बड़े-बड़े अधिकारी नेता के साथ किसी तरह जुगाड़ लगाकर फोटो खींचा लेते हैं और फिर उसे सोशल मीडिया पर अपने बड़ा भाई, रिश्तेदार बनाकर पोस्ट कर देते हैं और दलाली का खेल शुरू कर देते हैं।
सिवनी में भी ऐसे अनेक पत्रकार हैं जो अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर बड़े-बड़े अधिकारी नेता को अपना बड़ा भाई बना लेते हैं तो कभी साहब को बड़ा भाई बनाकर फोटो पोस्ट करते रहते हैं और समाज में रौब गांठते रहते हैं। जिस अफसर के साथ इनकी फोटो हो जाए, वो उनको अपना रिश्तेदार और बड़ा भाई बना लेते हैं। ऐसे पत्रकार ठगी और फर्जीवाड़े के कई मामलों में फंस चुके हैं।
ऐसे ऐसे फर्जी पत्रकार सिवनी का नाम रौशन कर रहे हैं जिनको जर्नलिस्ट की स्पेलिंग भी लिखनी नहीं आती लेकिन फेसबुक पर खुद को पत्रकार लिखकर ठगी के गोरखधंधे को अंजाम दे रहे हैं।
दरअसल इस तरह के पत्रकार खबरों की जगह ब्लैकमेलिंग और अवैध वसूली के जुगाड़ में घूमते रहते हैं। पुलिस थाने,जनपद पंचायत,वन विभाग, आरटीओ ऑफिस, नगर पालिका, जैसे कार्यालयों में दलाल बनें ये फर्जी पत्रकार घूमते रहते हैं और खबरें प्रसारित करने की धमकी देकर वसूली करते हैं।
शासन प्रशासन ऐसे फर्जी पत्रकारों से परेशान है। इन लोगों की वजह से सही और शरीफ लोगों का जीना मुहाल हो रहा है। पत्रकारिता की आड़ में लोगों को डराना, धमकाना, वसूली करना, मानसिक शोषण करना इनका धंधा बन चुका है।
ये समस्या सिर्फ सिवनी की ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में खड़ी होती जा रही है। फर्जी पत्रकारों की संख्या और आतंक बढ़ता ही जा रहा है। इन पर अविलंब नकेल कसे जाने की जरुरत है।