रहटगांव (हरदा) । वनांचल की ग्राम पंचायत रवांग के बनियाढाना में तीन ग्रामीणों की उल्टी-दस्त से मौत हो गई। मृतक में अस्सी साल का एक बुजुर्ग शामिल हैं। मामला सोमवार का है। बनियाढाना की रहटगांव तहसील मुख्यालय से दूरी करीब 45 किमी और हरदा जिला मुख्यालय से 30 किमी है। मामले की सूचना मिलने के बाद सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची। इसके अलावा मंगलवार को भी टीम ने गांव जाकर ग्रामीणों की जांच की।
सीएमएचओ का कहना है कि जहां ग्रामीण रहते हैं वहां गंदगी अधिक मात्रा में मिली। इसी के कारण ग्रामीण बीमार हुए। तीन की मौत की पुष्टि हुई है। गांव के के बद्री उम्र 80 साल की सुबह सोमवार सुबह मृत्यु हुई। वहीं फूलवती कोरकू उम्र 35 साल एवं चिरौंजी कोरकू 85 साल की भी अचानक तबीयत खराब हुई। दोनों को एंबुलेंस से अस्पताल ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि सभी की मृत्यु उल्टी-दस्त के कारण हुई है।
ग्रामीणों को स्वच्छता रखने समझाइश
ग्रामीण रामलाल एवं भीम सिंह ने बताया कि सोनाबाई, किशोरी और गोविंद यह भी बैतूल अस्पताल में भर्ती हैं। बुजुर्ग सहित दो अन्य की मृत्यु होने के बाद स्वास्थ्य विभाग को जानकारी मिली। इसके बाद मंगलवार को सीएमएचओ डा. एचपी सिंह ने दौरा किया।
सीएमएचओ डा सिंह ने बताया गया कि गांव में स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्रामीणों की जांच की गई। डेंगू व मलेरिया टीम भी गांव पर भेजी गई है। ग्रामीणों को अपने आसपास स्वच्छता रखने के लिए निर्देश दिए गए हैं। ग्राम पंचायत सचिव सहित अन्य लोगों को भी बताया गया कि ग्रामीणों को स्वच्छता के साथ रहने की जानकारी दी जाए।
सिंह ने बताया कि मंगलवार को गांव का भ्रमण किया। सभी ग्रामीणों को गोली व दवाई भी वितरित की गई है। यहां पर अब कोई गंभीर मरीज नहीं पाया गया है। स्वास्थ्य टीम कार्य कर रही है। टिमरनी बीएमओ डा एमके चौरे ने बताया कि सोमवार एवं मंगलवार को भी ग्रामीणों को दवाइयां बांटी गई। अब कुछ दिन स्वास्थ्य विभाग की टीम नियमित गांव जाकर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण कर दवाई देगी।
पहले दिन 66 व दूसरे दिन 16 मरीजों की जांच
मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग ने सूचना जारी करते हुए बताया कि मंगलवार को 66 ग्रामीणों का उपचार किया गया। सभी मौसमी बीमारियों से पीड़ित थे। मंगलवार को सीएमएचओ, बीएमओ सहित विभाग के दल ने गांव का भ्रमण किया। गांव के प्रत्येक घर में क्लोरीन टेबलेट का वितरण किया। 16 मरीजों का उपचार कर दवाइयां दी। ये सभी सामान्य मौसमी बीमारियों से पीड़ित थे। जिला मलेरिया अधिकारी को उक्त क्षेत्र में एक्टिव फीवर सर्वे एवं डेंगू मलेरिया से संबंधित सर्वे व प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करने निर्देश दिए। प्रत्येक घर में पशुपालन किया जाता है। इस संबंध में पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों से भी चर्चा की गई।
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