लंदन: यू.के. के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जो जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए इस समय भारत में हैं, का कहना है कि वैश्विक नेताओं को यह स्पष्ट करना चाहिए कि काला सागर अनाज समझौते से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के हटने से रूस का वैश्विक अलगाव बढ़ गया है और उन लोगों की रक्षा की जानी चाहिए जिनका जीवन पुतिन के अवैध युद्ध से तबाह हो गया है। जी-20 देशों के नेता विश्व के समक्ष सबसे बड़ी चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए दिल्ली में शिखर सम्मेलन में एकत्रित हो रहे हैं जहां प्रधानमंत्री सुनक उन लोगों को महत्व देने पर बल देंगे जो पुतिन के युद्ध के भयानक परिणामों का सामना कर रहे हैं तथा वह जलवायु परिवर्तन और वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिरता जैसी व्यापक चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत करने में अपने नेतृत्व का प्रदर्शन करेंगे।
प्रधानमंत्री सुनक रूस द्वारा यूक्रेनी अनाज को शस्त्र के रूप में उपयोग करने से निपटने के लिए नवंबर में एक अंतर्राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा शिखर सम्मेलन बुलाएंगे। यह सम्मेलन बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाऊंडेशन और चिल्ड्रन्स इन्वैस्टमैंट फंड फाऊंडेशन द्वारा समर्थित कार्यक्रम खाद्य असुरक्षा और कुपोषण के कारणों से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, गैर सरकारी संगठनों, शोधकत्र्ताओं और निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ कमजोर देशों सहित विश्वभर के सरकारी प्रतिनिधियों को एक साथ लाएगा। प्रधानमंत्री सुनक ने कहा कि हम काला सागर में रूसी गतिविधि पर नजर रखने के लिए अपनी खुफिया एजैंसियों, निगरानी और टोही गतिविधियों का उपयोग करेंगे और यदि हमें संकेत मिलते हैं कि रूस काला सागर में असैनिक शिपिंग या बुनियादी ढांचे पर हमले की तैयारी कर रहा है तो उसे जवाब दिया जाएगा। इन निगरानी अभियानों के हिस्से के रूप में आर.ए.एफ. विमान रूस को अनाज परिवहन करने वाले असैनिक जहाजों के खिलाफ अवैध हमले करने से रोकने के लिए क्षेत्र में उड़ानें संचालित कर रहे हैं।
यह समझौता विश्वभर के लाखों लोगों के लिए जीवनरेखा प्रदान कर रहा था जो यूक्रेनी अनाज निर्यात पर निर्भर हैं। समझौते के पहले वर्ष में 33 मिलियन टन भोजन 45 देशों में जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाया गया। समझौता समाप्त करने के पुतिन के फैसले ने कमजोर लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण समय में वैश्विक अनाज आपूर्ति घटा दी जिससे कीमतें बढ़ीं और सबसे गरीब लोगों को खमियाजा भुगतना पड़ा है। 18 महीने पहले पुतिन के क्रूर आक्रमण के कारण यूक्रेन और विश्वभर में अनगिनत परिवार पीड़ित हैं। रूस ने 11 मिलियन लोगों को उनके घरों से विस्थापित कर दिया है, वैश्विक ऊर्जा कीमतों को प्रभावित किया है और सभी के लिए दैनिक जीवन अधिक कठिन बना दिया है।
अपने ‘राजनयिक निर्वासन’ के वास्तुकार स्वयं पुतिन
प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा कि एक बार फिर व्लादिमीर पुतिन जी-20 में अपना चेहरा दिखाने में विफल रहे हैं। वह अपने ‘राजनयिक निर्वासन’ के वास्तुकार स्वयं हैं तथा आलोचनाओं और वास्तविकताओं से आंखें चुराने के लिए अपने राष्ट्रपति महल में छुपे हुए हैं।
यूक्रेन विश्व का 5वां सबसे बड़ा गेहूं निर्यातक
पुतिन के पूर्ण पैमाने पर आक्रमण से पहले, यूक्रेन विश्व का 5वां सबसे बड़ा गेहूं निर्यातक, चौथा सबसे बड़ा मक्का निर्यातक और तीसरा सबसे बड़ा रेपसीड निर्यातक था। यूक्रेनी निर्यात राजस्व में अनाज का हिस्सा 41 प्रतिशत है और देश द्वारा निर्यात किया जाने वाला लगभग दो-तिहाई अनाज विकासशील देशों को जाता है।
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