भोपाल। वर्तमान में मध्य प्रदेश के मौसम को प्रभावित करने वाली कोई भी मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं है। इस वजह से मानसून की गतिविधियों में कमी आने लगी है। हालांकि वातावरण में बड़े पैमाने में नमी रहने के कारण कहीं-कहीं छिटपुट बौछारें पड़ रही हैं। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक 15 अगस्त तक मौसम का मिजाज इसी तरह बना रह सकता है। आंशिक बादल बने रहेंगे। धूप निकलने के कारण तापमान बढ़ने पर कहीं-कहीं बौछारें भी पड़ सकती हैं। उधर पिछले 24 घंटों के दौरान मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे तक पचमढ़ी में 0.8, सागर में 0.3, इंदौर में 0.2 मिलीमीटर वर्षा हुई। उज्जैन, जबलपुर में बूंदाबांदी हुई।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक बिहार के पास हवा के ऊपरी भाग में बना चक्रवात काफी कमजोर पड़ने के साथ बांग्लादेश की तरफ चला गया है। मानसून ट्रफ भी हिमालय की तलहटी में पहुंच गई है। हालांकि पाकिस्तान और उससे लगे जम्मू कश्मीर पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात मौजूद है। गुजरात और उसके आसपास भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में मध्य प्रदेश के मौसम को प्रभावित करने वाली कोई भी मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं है। मानसून ट्रफ भी हिमालय की तलहटी में पहुंच गया है। इस वजह से प्रदेश में मानसून की गतिविधियों में कमी आने लगी है। अब धीरे-धीरे बादल छंटने लगे हैं। कहीं-कहीं हल्की धूप निकलने लगी है। इस वजह से दिन के तापमान में भी बढ़ोतरी होगी। बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर में भी अभी कोई मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं है। इस वजह से अभी 15 अगस्त तक मौसम का मिजाज इसी तरह बना रह सकता है। हालांकि तापमान बढ़ने की स्थिति में कहीं-कहीं हल्की बौछारें भी पड़ सकती हैं।
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