तुलसी के पौधे को बार-बार न दें पानी दुर्भाग्य से बचने के लिए जानिए नियम

 हिंदू धर्म में तुलसी को बहुत पवित्र माना जाता है। इस पौधे की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इसमें धन की देवी लक्ष्मी का वास होता है। तुलसी की पूजा करने से माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। लोग अपने घर में तुलसी का पौधा लगाते हैं और पूजा करते हैं। तुलसी के पौधे की पूजा करते समय विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है। अन्यथा बुरे परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।

तुलसी को कब पानी देना चाहिए?

लोग तुलसी के पौधे की पूजा करते हैं और जल चढ़ाते हैं। हालांकि पौधे को पानी देना का भी समय होता है। अगर ऐसा नहीं किया तो देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु नाराज हो सकते हैं। तुलसी के पौधे को हमेशा सुबह जल चढ़ाएं। ऐसा करना शुभ माना जाता है। स्नान के बाद या सूर्योदय के समय तुलसी को जल चढ़ाने से उत्तम फल मिलता है।

तुलसी के पौधे में किस दिन पानी नहीं डालना चाहिए?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रविवार के दिन तुलसी के पौधे को पानी नहीं देना चाहिए। इसके अलावा एकादशी के दिन तुलसी को जल न दें। मान्यता है कि एकादशी के दिन देवी लक्ष्मी निर्जला व्रत रखती हैं। ऐसे में जल चढ़ाने से उनका व्रत टूट जाता है।

तुलसी का पौधा रखने की सही दिशा

तुलसी को जल चढ़ाने के अलावा अन्य बातों का ध्यान रखना भी जरूरी है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, तुलसी का पौधा हमेशा घर की उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना चाहिए। इस दिशा को देवताओं का निवास स्थान माना जाता है।

तुलसी से जुड़े ज्योतिष उपाय

– अगर काम बिगड़ रहे हैं तो घर में श्यामा तुलसी का पौधा लगाना चाहिए। साथ ही शाम के समय तुलसी के पौधे के नीचे शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए।

– घर में तुलसी का पौधा लगा है, तो इसके साथ केले का पौधा भी लगा सकते हैं। ध्यान रखें कि दोनों पौधे जितने पास हों उतना ही अच्छा है। दोनों पौधों को जल अर्पित करें और सुबह-शाम दीपक जलाएं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

– कार्तिक मास के महीने में 30 दिन तुलसी पौधे के नीचे घी का दीपक जलाना चाहिए। यदि आप दीपक जलाने में असमर्थ हैं तो देवोत्थान एकादशी से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक काम से कम पांच दिन दीपक जलाएं। तुलसी की पूजा करने पर देवी लक्ष्मी के साथ कुबेर देवता की कृपा भी प्राप्त होती है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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