इंदौर। सवा साल से अटकी पीएचडी प्रवेश परीक्षा को लेकर रास्ता साफ हो चुका है। डाक्टरल एंट्रेंस टेस्ट (डीईटी) आनलाइन करवाने को लेकर एमपी आनलाइन राजी हो गया है। अब देवी अहिल्या विश्वविद्यालय को कार्यपरिषद से परीक्षा को लेकर मंजूरी मिलना बाकी है। प्रस्ताव अगस्त में होने वाली बैठक में रखा जाएगा। जहां चर्चा होने के बाद सदस्य अपनी-अपनी सहमति देंगे। अधिकारियों के मुताबिक, डीईटी का रास्ता साफ होते ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जाएगी। संभवत: सितंबर से पंजीयन होंगे और अक्टूबर में परीक्षा रखी जाएगी।
डीईटी के संबंध में बीते दिनों एमपी आनलाइन और विश्वविद्यालय के अधिकारियों के बीच बैठक हुई, जिसमें विभाग अध्यक्षों की राय से एजेंसी को अवगत कराया गया। अधिकारियों के मुताबिक, अधिकांश विभाग अध्यक्षों ने आनलाइन परीक्षा पर सहमति दी है। इसके बाद एजेंसी ने परीक्षा संचालन और रिजल्ट पर होने वाले खर्च का ब्योरा विश्वविद्यालय को सौंप दिया है। इसके बाद लगभग यह तय हो चुका है कि परीक्षा आनलाइन करवाई जाएगी,क्योंकि एजेंसी ने जबलपुर और भोपाल विश्वविद्यालय के लिए पहले परीक्षा करवाई है। इसका हवाला देकर एजेंसी का प्रस्ताव कार्यपरिषद के सामने रखेंगे।
मंजूरी मिलने के बाद पंजीयन के लिए खुलेगी लिंक
अधिकारियों के मुताबिक, बैठक में परीक्षा का प्रारूप और खर्च को लेकर सदस्य आपस में चर्चा करेंगे। इनकी मंजूरी मिलने के बाद ही डीईटी के लिए रजिस्ट्रेशन की लिंक खुलेगी। डीईटी प्रभारी डा. अशेष तिवारी का कहना है कि अगस्त के दूसरे-तीसरे सप्ताह में बैठक होगी, जिसमें सदस्यों से सहमति मिलने के बाद प्रक्रिया शुरू करेंगे।
12 विषय में एक भी गाइड नहीं
इस बार 12 विषय में पीएचडी करने का शोधार्थियों को मौका नहीं मिलेगा। कारण यह है कि इन विषयों में एक भी सीटें खाली नहीं हैं। स्टेटिस्टिक्स, सोशयोलाजी, सोशल वर्क, संस्कृत, राजनीति शास्त्र, फिजिकल एजुकेशन, म्यूजिक व डांस, होम साइंस, इतिहास, इलेक्ट्रिक्स मीडिया सहित दो अन्य विषय शामिल है। सत्र में 32 विषय की 465 सीटें प्रवेश परीक्षा में रहेगी।
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