कौआ ऐसा काम करते दिखे तो समझना जल्द मिलेगा शुभ समाचार

हिंदू धर्म से संबंधित पौराणिक ग्रंथों में शगुन और अपशगुन को लेकर विस्तृत चर्चा की गई है। धार्मिक मान्यता है कि हमारे आस-पास होने वाली कई घटनाओं से हमें भविष्य में होने वाली शुभ और अशुभ घटनाओं के संकेत मिल जाते हैं। कौए को लेकर भी शुगन शास्त्र में कई तरह की बातें उल्लेखित है। पौराणिक ग्रंथों में कौए को मृत्यु के देवता यमराज का दूत माना गया है। वास्तु एक्सपर्ट चैतन्य मलतारे के मुताबिक, आमतौर यह माना जाता है कि कौआ अधिकांश अशुभ संकेत लेकर आता है, लेकिन ऐसा नहीं है। कई बार कौआ शुभ संकेत भी लेकर आता है।

कौए का सिर पर बैठना

कौवे का सिर पर बैठना अपशगुन के रूप में देखा जाता है। माना जाता है कि यदि कौवा किसी व्यक्ति के सिर पर आकर बैठ जाता है तो इससे घर में धन की कमी होने वाली है, या उसके सम्मान और प्रतिष्ठा में कमी आने वाली है।

कौवे का छत पर बैठना

अगर कौवा घर छत पर आकर बैठ जाए और कांव-कांव करने लगे तो इसे शुभ संकेत माना गया है। यह किसी मेहमान के घर आने का संकेत करता है। घर में मेहमान आना शुभ माना जाता है। इससे घर में खुशहाली आती है।

रोटी का टुकड़ा दबाकर उड़ना

यदि कौवा अपनी चोंच में रोटी का टुकड़ा दबाकर उड़ता नजर आता है, तो इसे भी शुभ संकेत ही माना जाता है। इसका मतलब है कि आपकी कोई बड़ी इच्छा जल्द पूरी होने जा रही है। कोई शुभ समाचार भी मिल सकता है।

बहुत से कौए एक साथ चिल्लाना

घर के पास या छत पर कौवे झुंड में बैठकर एक साथ चिल्लाते हैं तो इसे अशुभ संकेत माना गया है। परिवार के किसी सदस्य पर कोई बड़ा खतरा आ सकता है।

दक्षिण की ओर देखकर करें कांव कांव

कौआ दक्षिण दिशा की ओर देखकर कांव-कांव करें तो इसे अशुभ समझा जाता है। इससे परिवार में किसी व्यक्ति की मृत्यु की ओर संकेत करती है। परिवार के किसी सदस्य को कोई गंभीर बीमारी या दुर्घटना होने का भी यह संकेत मानी जाती है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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