बिलासपुर। रात में बिजली बंद तो सुबह तक सुबह तक आने की गारंटी नहीं है। शिकायत के बाद भी सुधार दल मौके पर नहीं पहुंचता। मंगला क्षेत्र में भी यहीं हुआ। यहां वोल्टेज कम ज्यादा हो रहा था। इस वजह से न पंखे चल रहे थे और एसी- कूलर। परेशान उपभोक्ता लगातार सुधार के लिए कर्मियों को भेजने की मांग करते रहे। जब नाराजगी जताई गई, तब कहीं जाकर सुबह चार बजे सुधार हुआ।
इस क्षेत्र के रहवासियों को पूरी रात जाग कर गुजारनी पड़ी। शहर में बिजली की भारी समस्या है। हर आधे घंटे बत्ती गुल की दिक्कत सामान्य है। दिन में तो फिर भी शिकायत के बाद सुधार कार्य हो जाता है। लेकिन, समस्या रात में आई है तो इसकी कोई गारंटी नहीं कि सप्लाई कब चालू होगी। मंगला क्षेत्र के अलखधाम नगर में भी लोगों को कुछ इसी तरह की दिक्कतों के बीच रात गुजारनी पड़ी। दरअसल शाम छह बजे अचानक बिजली बंद हो गई। इसकी सूचना दी गई। इस पर अमला पहुंचा और सुधार करने के बाद चला गया। रात 10: 45 बजे अचानक कूलर, पंखे व एसी बंद हो गए। इसके अलावा बल्ब की रोशनी बार- बार कम ज्यादा होने लगी। माजरा समझ आ गया वोल्टेज परेशानी है। दोबारा फ्यूज काल सेंटर को सूचना दी गई। करीब आधे घंटे बाद फ्यूज काल के कर्मचारी पहुंचे। ट्रांसफार्मर को देखे और यह कहकर लौट गए कि फाल्ट बड़ी है।
इसे सुधारने के लिए बड़ी गाड़ी आएगी। मतलब कंपनी के स्थाई कर्मचारी ही इसे सुधार सकते हैं। उनसे निवेदन किया गया कि टीम को जल भेज दे, ताकि रात को नींद खराब न हो। सुबह स्कूल से लेकर आफिस जाना है। उन्होंने आश्वासन भी दिया कि तत्काल टीम पहुंचेगी। लेकिन चार घंटे कोई नहीं पहुंचा। उपभोक्ता लगातार फोन पर फोन करते रहे। सुबह चार बजे सप्लाई सुचारू हुई। इस स्थिति में उपभोक्ताओं को पूरी रात गर्मी व मच्छर के कारण जाग कर गुजारनी पड़ी। उपभोक्ताओं का कहना है कि कंपनी केवल मेंटेनेंस के नाम पर औपचारिकता पूरी करती है। हकीकत में जैसा काम होना चाहिए, उस तरह नहीं हो पाता। इसके चलते ही उपभोक्ताओं को बिजली की समस्या से जुझना पड़ता है।
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