अनूपपुर। अनूपपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में एक सप्ताह बाद भी जंगली हाथियों का आतंक जारी है। बांका का जंगल हाथियों के लिए पसंदीदा जगह बना हुआ है। 8 दिन से यह हाथी यहां अपना डेरा जमाए हुए हैं और आसपास के गांव क्षेत्र में रात को पहुंचकर भोजन की तलाश में घर, खेती-बाड़ी को नुकसान पहुंचा रहे हैं। बीती रात फिर जंगली हाथियों ने ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचकर तीन घरों को निशाना बनाया और घरों को तहस नहस कर दिया।
वन विभाग हो रहा नाकाम
हाथियों को वापस छत्तीसगढ़ भेजने के लिए वन विभाग द्वारा कोई ठोस प्रयास नहीं किए जा रहे हैं, जबकि उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में हाथियों को वापस भेजने एक टीम बनी हुई है। इसका कोई सहयोग नहीं लिया जा रहा है। जिससे ग्रामीणों को हाथियों के चलते नुकसान उठाना पड़ रहा है। ग्रामीण न खेती कर पा रहे हैं न सुकून से अपने घर में रुक पा रहे हैं और संपत्ति की सुरक्षा नहीं कर पा रहे हैं।
शुक्रवार रात तीन घरों को नुकसान पहुंचाया
जानकारी अनुसार शुक्रवार की रात पांचों हाथी निकल कर रात भर दो किमी एरिया में विचरण करते हुए तीन घरों में तोड़फोड़ की तथा किसानों के लगे खेतों की धान की फसलों को अपना आहार बनाते हुए शनिवार की सुबह फिर से बांका के जंगल में जाकर विश्राम करने दिनभर ठहरे हुए थे। इस दौरान रात हाथियों के समूह से किसी भी तरह की छेड़खानी या भगाने की स्थिति निर्मित न होने से हाथियों द्वारा आम जनों के घरों एवं खेतों का पहले की तरह कम नुकसान पहुंचाया।
छतों में रहकर रात बिता रहे लोग
जानकारी अनुसार ग्राम बांका, दुधमनिया, केकरपानी के साथ इन क्षेत्रों से लगे ग्रामीण अंचलों के ग्रामीण हाथियों की निरंतर उपस्थिति से देर रात पक्के घरों, छतो में रहकर रात बिताते चले आ रहे हैं। हाथियों की वजह से ग्रामीणों का दैनिक कार्य प्रभावित होने लगा है ना वह खेती ठीक तरह से कर पा रहे हैं और न ही वर्षा काल में घरेलू कार्य को ठीक तरह से व्यवस्थित रख पा रहे हैं। हाथियों के समूह पर निगरानी रखने के लिए अनूपपुर एवं जैतहरी के वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी एवं पुलिस विभाग के द्वारा रात भर निगरानी रखी गई है। शुक्रवार रात शांति से हाथियों के विचरण के कारण धान एवं धान की फसलों के नुकसान के साथ अन्य कोई घटना घटित नहीं हो सकी है।
कोल विकास प्राधीकरण के अध्यक्ष ने जाना हाल
हाथियों के निरंतर विचरण की जानकारी पर अनूपपुर विधानसभा के पूर्व विधायक एवं मध्य प्रदेश कोल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रामलाल रौतेल ने हाथियों के आने से घबराकर बेहोश हुई 40 वर्षीय महिला बसंती पति जय सिंह निवासी दुधमनिया से मुलाकात की। रामलाल रौतेल ने शनिवार की दोपहर जिला चिकित्सालय अनूपपुर में महिला से मुलाकात कर हालचाल पूछा फिर ग्राम पंचायत पंगना के ग्राम बांका के जंगल में विचरण कर रहे हाथियों के स्थल पहुंचे। इस दौरान हाथियों का समूह बीच जंगल में लगे बांस प्लांटेशन एवं बरमसिया के झाड़ियों के बीच आराम करते पाए गए। श्री रौतेल ने ग्राम पंचायत दुधमनिया के पंचायत भवन में ग्रामीणों की बैठक लेकर निरंतर हाथियों की उपस्थिति से निर्मित समस्या के निदान पर ग्रामीणों से चर्चा की व उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि हाथियों के इस समूह को अन्य जगह ले जाने हेतु शासन स्तर से प्रभावी प्रशिक्षित रेस्क्यू दल को बुलाए जाने की योजना बनाई जा रही है। जिस पर विचार विमर्श होने के बाद जल्द ही रेस्क्यू दल आकर ग्रामीणों की इस समस्या का समाधान करते हुए हाथियों को अन्य जगह ले जाने का प्रयास करेगी। उन्होंने हाथियों के समूह द्वारा किए जा रहे घरों एवं फसलों के नुकसान का समय पर पटवारी के माध्यम से सर्वे कराकर प्रकरण संबंधित तहसीलों में जमा कराए जाने के साथ ग्रामीणों से घरों,खेतों में नुकसान हुआ है से समय पर निर्धारित रिकार्ड पटवारी को प्रदाय किए जाने की अपील करते हुए विगत शुक्रवार एवं शनिवार की मध्यरात हाथियों के समूह द्वारा किए गए घरों के नुकसान के स्थल का निरीक्षण कर प्रभावित व्यक्तियों के साथ स्वजनों से आवश्यक चर्चा की।
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