प्रियंका की सभा से संकेत कर्नाटक की तरह भ्रष्टाचार बेरोजगारी और महंगाई को मुद्दा बनाएगी कांग्रेस

ग्वालियर: कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी की शुक्रवार को मेला ग्राउंड में सभा से संकेत मिले कि कांग्रेस कर्नाटक की तरह भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और महंगाई को विधानसभा चुनाव में प्रमुख मुद्दा बनाएगी। लोगों को बताएगी कि कैसे जनादेश से 2018 के चुनाव में बनी कांग्रेस सरकार को भाजपा ने गिराया। इसके साथ सस्ती बिजली, 500 रुपये में गैस सिलेंडर, किसानों का कर्जा माफ, महिलाओं के खाते में 1500 रुपये भेजने जैसी योजनाओं का प्रलोभन देगी।

कांग्रेस भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे को कर्नाटक में भुना चुकी है। मध्य प्रदेश के चुनाव में इन्हीं मुद्दों पर पूरी ताकत लगा देगी। यह की जीत कांग्रेस को दिल्ली में मजबूत आधार प्रदान करेगी और विपक्षी गठजोड़ में सम्मानजनक भूमिका दिलाने वाली होगी।

भ्रष्टाचार, बेरोजगरी व महंगाई के मुद्दे पर गरजी

मेला ग्राउंड की सभा में प्रियंका गांधी वाड्रा के भाषण से प्रदेश में होने वाले चुनाव के लिए स्पष्ट दिशा नजर आ रही थी। प्रियंका गांधी 35 मिनट के भाषण में इसी मुद्दे पर बोलीं। जनता से जुड़े मुद्दों से दाएं-बाएं जाने से कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। हालांकि अन्य वक्ता जरूर इधर-उधर की बातों पर ताल ठोकते नजर आए।

राहुल नहीं प्रिंयका होंगी कांग्रेस का चेहरा

जबलपुर के बाद ग्वालियर-चंबल अंचल में प्रियंका गांधी की सभा से संकेत मिलते हैं प्रदेश के चुनाव में राहुल गांधी की बजाए प्रियंका गांधी कांग्रेस का राष्ट्रीय चेहरा होंगीं। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के पुत्र नकुल नाथ ने अपने संबोधन में कहा आप तो मध्य प्रदेश को गोद ले लें। सभा से पहले शहरभर में लगे होर्डिंग्स में राहुल गांधी कम नजर आ रहे हैं। प्रियंका गांधी सभा में पूर्ण सादगी के साथ पहुंची और आम महिलाओं की तरह नजर आईं। उनका भाषण के हर शब्द आम जनता से जुड़ा हुआ नजर आ रहा था।

दिग्विजय भूमिका भी साफ हुई

यह तो पहले से तय है कि दिग्विजय सिंह का उपयोग कांग्रेस सार्वजनिक मंचों पर नहीं करेगी। हालांकि कांग्रेस के प्रमुख रणनीतिकार दिग्विजय सिंह ही होंगे। प्रियंका गांधी की सभा के सूत्रधार दिग्विजय सिंह नजर आए। मंच पर बैठे भी, लेकिन भाषण नहीं दिया। यानी चुनाव में दिग्विजय पर्दे के पीछे रहेंगें। भाजपा आरोप लगाती रही है मुख्यमंत्री कमल नाथ भले ही थे, किंतु सरकार पर्दे के पीछे से दिग्विजय सिंह चला रहे थे।

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