उत्तराखंड के चमोली में बिजली की चपेट में आने से हुई मौतों के मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसकी जानकारी देते हुए घटना पर शोक व्यक्त किया। बता दें कि इस हादसे में 16 लोगों की मौत हो गई, जबकि 11 झुलस गये। इन्हें हेलिकॉप्टर के एयरलिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश लाया गया है। मुख्यमंत्री धामी ने ऋषिकेश पहुंचकर घायलों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। उधर गृहमंत्री अमित शाह ने भी सीएम धामी के बात कर घटना की जानकारी ली और हादसे पर अफसोस जताया।
कैसे हुआ हादसा?
प्लांट में रात्रि ड्यूटी पर तैनात युवक की मौत की सूचना पर स्वजन और पड़ोस के लोग वहां पहुंचे थे। ये लोग मुआवजे की मांग कर रहे थे। पुलिस टीम शव का पोस्टमार्टम कराने और प्लांट पर जुटी भीड़ को समझाने पहुंची थी। इसी दौरान प्लांट के ऊपरी हिस्से में निर्मित टीन शेड और रेलिंग में करंट फैलने से पलभर में कई लोग उसकी चपेट में आ गये। इस हादसे में प्रथम दृष्टया प्लांट प्रबंधन की लापरवाही सामने आ रही है। बता दें कि तीन साल पहले पटियाला की कांफिडेंट इंजीनियरिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को इस प्लांट के संचालन की जिम्मेदारी दी गई थी।
चपेट में आए कई पुलिसकर्मी
चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि इस हादसे में 16 लोगों की मृत्यु हुई है, 6 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। उन्हें एयरलिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया है। 5 लोग सामान्य घायल हैं, उनका भी इलाज चल रहा है। मामले में जांच शुरू कर दी गई है, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। करंट लगने से झुलसे लोगों को पहले जिला चिकित्सालय लाया गया, जहां से उन्हें ऋषिकेश एम्स रेफर कर दिया गया।
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