भोपाल। राजधानी में एक जून से अब तक करीब 280 एमएम वर्षा हो चुकी है, लेकिन इसका असर जलाशयों पर बिल्कुल नहीं हुआ। इसका कारण भोपाल की अपेक्षा सीहोर में वर्षा का कम होना है। बता दें कि सीहोर में वर्षा होने पर कोलांस नदी का पानी बड़े तालाब में बहकर आता है। इसी से बड़े तालाब का पेट भरता है। वहीं यह पानी आगे केरवा व कलियासोत डेम तक पहुंचता है, जिससे इनका जलस्तर भी बढ़ता है।
नगर निगम के जलकार्य शाखा के एई अजय सिंह सोलंकी ने बताया कि सीहोर जिले में अभी सामान्य से कम वर्षा हुई है। जिससे कोलांस नदी में अब तक चार फीट पानी बह रहा था, रविवार को ये भी एक फीट पर आ गया है। वहीं कोलार डेम की कार्यपालन यंत्री हर्षा जैनवाल ने बताया कि बेतवा बेसिन के आसपास क्षेत्रों में अभी पर्याप्त वर्षा नहीं हुई है। एक जून से लेकर अब तक इसके जलस्तर पर कोई खास परिवर्तन नहीं हुआ है। वर्तमान में कोलार डेम 56 प्रतिशत खाली है। इधर केरवा, कलियासोत, हथाईखेड़ा व घोड़ापछाड़ डेम के जलस्तर में भी कोई विशेष बदलाव नहीं आया है।
पिछले वर्ष 24 जुलाई को खोले गए थे गेट
पिछले वर्ष 10 जुलाई 2022 तक सीहोर में पर्याप्त वर्षा हुई थी, जिससे एक वर्ष पहले बड़े तालाब का जलस्तर फुल टैंक लेवल से दो फीट कम था। वहीं 24 जुलाई 2022 को बड़े तालाब का जलस्तर बढ़ने की वजह से भदभदा डेम के सात गेट खोले गए थे। इसके साथ ही अतिवृष्टि होने से देर रात केरवा, कलियासोत व कोलार डेम के गेट भी खोलना पड़ा था।
जलाशयों की स्थिति
जलाशय – फुल टैंक लेवल – न्यूनतम जलस्तर – वर्तमान जलस्तर – जलभराव
बड़ा तालाब – 508.04 – 505.81 – 505.93 – 45 प्रतिशत
केरवा – 509.93 – 500.79 – 503.22 – 30 प्रतिशत
कलियासोत – 505.57 – 486.16 – 500.25 – 67 प्रतिशत
हथाईखेड़ा – 474.11 – 466.34 – 471.36 – 44 प्रतिशत
घोड़ापछाड़ – 477.31 – 465.73 – 471.80 – 32 प्रतिशत
कोलार – 462.20 – 432.93 – 452.29 – 44 प्रतिशत
इनका कहना
शहर में जलाशयों का जलस्तर अभी सामान्य है, इसमें कोई खास बढ़त नहीं है। यदि आसपास के जिलों में वर्षा होती है, तो यह पानी भोपाल के जलाशयों में पहुंचता है।
– नितिन कुहिकर, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग, संभाग भोपाल
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