राष्ट्र चंडिका बालाघाट। शहर में इन दिनों सड़क हादसों में छाया हुआ है जो हादसे सड़को की सक्रियता, मकान सामग्री व आवारा पशुओं कारण है। इस पर प्रशासन ने केवल अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही कर सड़कों को चौडी करण किया गया है पर क्या पूर्व में नगरपालिका के द्वारा हाका गैंग बनाना गया था जो आवारा पशुओं पर लगाम लगाई हुई थी किन्तु कुछ दिनों से पुन: आवारा पशुओं का नगर में अधिक दिखाई दे रहें है जो दूर्घटना का कारण है।
प्रशासन के द्वारा नगर में आवारा पशुओं पर प्रतिबंध लगाने की कार्यवाही ठण्डे बस्ते में चल रही है जिससे दिन में सड़कों पर पशु बैठने के कारण यातायात प्रभावित हो रही है। तो वहीं स्कूली बच्चें को भी आवारा पशु से भय रहा है जो यह पशु मार कर घायल कर देते है।
आवारा पशुओं का आतंक
नगरपालिका प्रशासन के द्वारा लापरवाही देखी जा रही है जो आवारा पशुओं के आतंक से आमजनों का सड़कों से गुजरना दुभर हो गया है। आवारा पशुओं के द्वारा चौक- चौराहों पर अपना कब्जा जमाये हुए है। जानकारी अनुसार पूर्व में बनाये गये निमयमों में पशु मालिकों पर कार्यवाही कर पशुओं को कॉजीहाऊस में किया गया था। साथ ही पशु मालिकों पर जुर्माना भी लगाने का नियम बनाया गया था पर यही नियमों को ताक पर रखकर पशु मालिक अपने पशुओं को लावारिस छोड़ दिये है जो शहर को गंदा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहें है।
रात्री में दूर्घटनाओं का भय
रात्री के समय सड़कों पर पशुओं का झुंड विचरण करता है जिससे रात्रि के समय वाहन चालकों को दूर से दिखाई ना देने के कारण पास में पहुंचने के बाद वह पशुओं को बचाने के प्रयास से अपनी जान गवा देते है साथ ही प्रतिदिन छोटी-छोटी दूर्घटनाएं घटित होती है जो हमें देखनों को नहीं मिल पाती है। प्रशासन इस ओर प्रयास करना चाहिए जिससे रात्रि में दूर्घटनों को रोका जा सके।