उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर (mahakal temple) का लड्डू प्रसाद देशभर में शुद्धता व स्वाद के लिए प्रसिद्ध है। महाकाल दर्शन करने आने वाले भक्त आस्था के साथ प्रसाद खरीदकर ले जाते हैं। श्रावण मास (Shravan Maas) में देशभर से आने वाले भक्तों को सुविधा से पर्याप्त मात्रा में प्रसाद मिल सके इसके लिए मंदिर प्रशासन तैयारी कर रहा है।
श्रावण मास में प्रतिदिन 40 से 45 क्विंटल लड्डू प्रसाद बनाने की तैयारी की जा रही है। मंदिर परिक्षेत्र में महाशिवरात्रि की तर्ज पर प्रसाद काउंटर लगाए जाएंगे।
महाकाल मंदिर प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने शनिवार को श्रावण मास में लड्डू प्रसाद की व्यवस्था को लेकर बैठक ली। प्रशासक ने कहा कि इस वर्ष श्रावण अधिक मास होने से दो माह तक मंदिर में आस्था का सैलाब उमड़ेगा।
देशभर से आने वाले भक्तों की रुचि भगवान महाकाल का लड्डू प्रसाद खरीदने में अधिक रहती है, इसलिए श्रद्धालुओं की मांग के अनुरूप पूर्ति होना चाहिए। वर्तमान में प्रतिदिन 30 से 35 क्विंटल लड्डू प्रसाद तैयार किया जा रहा है। श्रावण मास में प्रतिदिन 40 से 45 क्विंटल लड्डू प्रसाद बनाया जाए।
वितरण की व्यवस्था भी सुदृढ़ होना चाहिए। मंदिर परिक्षेत्र में जहां जहां भी लड्डू प्रसाद के काउंटर लगाए जाना सुनिश्चित किया गया है, वहां सप्लाय में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आना चाहिए। लड्डू प्रसाद निर्माण व वितरण व्यवस्था में तैनात कर्मचारी लगातार एक दूसरे से संवाद बनाकर रखें। किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर तत्काल आला अधिकारियों को अवगत कराएं, ताकि समस्या का समय पर निदान किया जा सके।
शुद्ध देशी घी से निर्मित होता है प्रसाद
महाकाल मंदिर समिति चिंतामन स्थित वैदिक शोध संस्थान परिसर में लड्डू प्रसाद तैयार कराती है। लड्डू बनाने में बेसन, रवा, शकर, ड्रायफ्रूट व शुद्ध देशी घी का उपयोग होता है। प्रतिदिन सुबह 11 बजे चिंतामन स्थित लड्डू प्रसाद निर्माण इकाई से कर्मचारी लड्डू लेकर महाकाल मंदिर आते हैं। पश्चात भगवान महाकाल को लड्डूओं का भोग लगाया जाता है। इसके बाद भक्तों को प्रसाद रूप में इसका विक्रय किया जाता है।
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