उत्तर भारत के नाबालिगों को जबरन मजदूरी कराने ले जा रहे थे मुंबई सुरक्षा बलों ने 12 बच्चों का किया रेस्क्यू

जबलपुर। ट्रेनों के जरिए बच्चों को उत्तर भारत से मुम्बई ले जाने की मामले बढ़ गए हैं। गुरुवार को ऐसा ही एक मामला सामने आया। पवन एक्सप्रेस में बिहार के जयनगर से 12 बच्चों को मुम्बई ले जाया जा रहा था। इन बच्चों से मुंबई में जबरन मजदूरी कराई जाती। मानव तस्करी से जुड़ा मामला होने के कारण सुरक्षा बल सतर्क हो गए और जबलपुर में ट्रेन में दबिश देकर बच्चों को छुड़ाया गया।

सुरक्षाबलों ने बच्चों को अपने संरक्षण में लिया

गुरुवार को जयनगर-एलटीटी मुंबई पवन एक्सप्रेस में बच्चों को जबरन मुंबई ले जाने की खबर आरपीएफ और जीआरपी जबलपुर को लगी। खबर लगते ही बड़ी संख्या में आला अधिकारी और जवान जबलपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म एक पर पहुंच गए। ट्रेन के आते ही कोचों की सघन जांच की गई। जांच के दौरान ट्रेन के जनरल कोच में कुछ बच्चे बैठे मिले। इनसे पूछताछ की तो पता चला कि इन्हें काम कराने के लिए मुम्बई ले जाया जा रहा है। इन बच्चों को तत्काल ट्रेन से स्टेशन पर उतारा और जीआरपी थाने ले जाकर पूछताछ की गई। जांच के दौरान जीआरपी के उप पुलिस अधीक्षक रेल लोकेश मार्को, आरपीएफ के कमांडेंट अरूण त्रिपाठी खुद मौजूद रहे।

आरोपित को किया गया गिरफ्तार

जीआरपी की थाना प्रभारी शशि धुर्वे ने बताया कि बचपन बचाओ आंदोलन के काडिनेटर सलमान मंसूरी से सूचना मिली थी कि ट्रेन 11062 पवन एक्सप्रेस में एक व्यक्ति 5 नाबालिक और 7 बालिक बच्चों को काम कराने मुम्बई लेकर जा रहा हैं। खबर लगते ही जीआरपी और आरपीएफ के जवान प्लेटफार्म एक पर पहुंच गए। दोनों टीमों ने ट्रेन की जांच की तो पता चला कि जनरल कोच में बच्चे बैठे थे। इनसे पूछताछ की तो पता चला कि उन्हें छोटू पासवान द्वारा बहला फुसलाकर मुम्बई ले जाया जा रहा है। खबर लगते ही छोटू पासवान, पिता मुनारी पासवान उम्र 30 साल निवासी गडेरिया रानीगंज थाना इमानगंज जिला गया को गिरफ्तार किया गया। इन बच्चों को जागृति सेंटर जबलपुर में रखा गया । इस दौरान उप निरीक्षक आकांक्षा सिंह, सहायक उप निरीक्षक आरएस शुक्ला, सहायक उपनिरीक्षक सुशील सिंह, आरपीएफ के निरीक्षक इरफान मंसूरी, निरीक्षक विपिन कुमार आदि मौजूद रहे।

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