भोपाल। शहर में हर साल वर्षा के दौरान बाढ़ के हालात निर्मित हो जाते हैं। इससे बड़ा तालाब, भदभदा और कलियासोत डैम के गेट खोलना पड़ते हैं। कुछ दशक पहले तालाबों के शहर भोपाल में यह स्थिति नहीं थी। वर्षा के मौसम में बड़ा तालाब से लेकर केरवा, कलियासोत में जब भी उफान आता था तब पानी आसपास के तालाबों में समा जाता था। आज शहर के 70 प्रतिशत से अधिक जलस्त्रोतों की जलग्रहण क्षमता एक तिहाई भी नहीं रह गई है। मोतिया तालाब, सिद्दीक हसन, बाग मुंशी हुसैन सहित अन्य तालाब अतिक्रमण की चपेट में हैं। जो बचे हैं, उनके जलभराव क्षेत्र से गाद नहीं निकाली गई है। जबकि तालाबों के संरक्षण पर नगर निगम प्रशासन हर साल नौ करोड़ रुपये खर्च करता है।
तीन का अस्तित्व हुआ खत्म, दो गिन रहे अंतिम सांस
शहर के छोटे-बड़े 14 ताल-तलैया में से तीन का अस्तित्व खत्म हो चुका है। दो अंतिम सांसें गिन रहे हैं। जहांगीराबाद वाले मोतिया तालाब का अब अस्तित्व ही नहीं बचा है। यहां सीमेंट-कांक्रीट का जंगल खड़ा है। गुरुबक्श की तलैया व अच्छे मियां की तलैया भी अंतिम सांसें गिन रही हैं। मोतिया तालाब को तात्कालीन महापौर आलोक शर्मा ने गोद लेने की घोषणा की थी। आज भी इसमें ईदगाह हिल्स का सीवेज मिल रहा है। एसटीपी लगाना तो दूर प्रस्ताव तक तैयार नहीं हुआ। जबकि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाने, अतिक्रमण मुक्त करने के नाम पर 10 करोड़ राशि खर्च हो चुकी है।
तालाब के अंदर तक बना लिए दुकान-मकान
नवाब सिद्दीक हसन तालाब के अंदर तक लोगों ने दुकान और मकान तक का निर्माण कर लिया है। इन पर निर्णय का अधिकार नगर निगम को सौंपा गया था लेकिन 10 सालों में कुछ नहीं हुआ। इसके एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में से 98 प्रतिशत पर कब्जा है। इसी तरह 1.05 हेक्टेयर के लेंडिया तालाब के 82 प्रतिशत भाग पर कब्जा हो चुका है। 113 हेक्टेयर के हथाईखेड़ा तालाब का 23 प्रतिशत भाग कब्जे में है। बड़े तालाब का 19 प्रतिशत, छोटे तालाब का 13 प्रतिशत, मुंशी हुसैन खां तालाब का सात प्रतिशत, मोतिया तालाब का दो प्रतिशत भाग अतिक्रमण की चपेट में है।
भोपाल के ताल-तलैया
– छोटा तालाब
– शाहपुरा तालाब
– मोतिया तालाब एक
– मोतिया तालाब (जहांगीराबाद)
– नवाब सिद्धीक हसन तालाब
– मुंशी हुसैन खां तालाब
– सारंगपानी तालाब
– लहारपुर जलाशय
– हताईखेड़ा जलाशय
– चार इमली तालाब
– लेंडिया तालाब
– गुरुबक्श की तलैया
– अच्छे मियां की तलैया
शहर के इन तालाबों पर अतिक्रमण –
नवाब सिद्दीक हसन तालाब – 98 प्रतिशत
लेंडिया तालाब – 82 प्रतिशत
हथाईखेड़ा तालाब – 23 प्रतिशत
बड़ा तालाब – 19 प्रतिशत
छोटा तालाब – 13 प्रतिशत
मुंशी हुसैन खां तालाब – 07 प्रतिशत
मोतिया तालाब- – 02 प्रतिशत
इनका कहना है
शहर में बड़ा तालाब सहित अन्य सभी छोटे-बड़े ताल-तलैयों से ही शहर की पहचान है। इनके संरक्षण करने का काम नगर निगम द्वारा निरंतर किया जाता है। वहीं इन जलाशयों के आसपास या इनके अंदर अतिक्रमण किया जा रहा है तो उसे कार्रवाई करते हुए तत्काल हटाया जाएगा।
– केवीएस चौधरी, आयुक्त, भोपाल नगर निगम
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