उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में श्रावण मास के दौरान दो माह गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। अतिविशिष्ट को छोड़कर किसी भी व्यक्ति को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति नहीं रहेगी। वहीं मंदिर समिति देशभर से आने वाले कावड़ यात्रियों के लिए जलाभिषेक की विशेष व्यवस्था करेगी। आम भक्त भगवान महाकाल का जलाभिषेक कर सकेंगे। इसके लिए जल पात्र लगाए जाएंगे।
पंचांग की गणना के अनुसार चार जुलाई से श्रावण मास की शुरुआत होगी। इस बार 19 साल बाद श्रावण अधिकमास के रूप में आ रहा है। समिति द्वारा श्रावण में दर्शन व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जा रहा है। समिति सदस्यों ने मंदिर प्रशासन को श्रद्धालुओं की सुविधा और कावड़ यात्रियों की व्यवस्था के संबंध में सुझाव दिए हैं।
इनका कहना है कि श्री महाकाल महालोक निर्माण के बाद इस बार श्रावण में 10 लाख से अधिक भक्तों के महाकाल दर्शन करने आने का अनुमान है। प्रतिदिन सैकड़ों कावड़ यात्री भी जल अर्पित करने आएंगे। इसलिए दो माह अतिविशिष्ट व्यक्तियों को छोड़कर गर्भगृह में प्रवेश बंद रखने का निर्णय लिया गया है।
भक्तों को गणेश व कार्तिकेय मंडपम से भगवान महाकाल के दर्शन होंगे। यहां जल पात्र की विशेष व्यवस्था रहेगी, जिसके माध्यम से भक्त भगवान को जल अर्पण कर सकेंगे। पूर्व के वर्षों में श्रावण मास में गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंधित रहता आया है, उसी के अनुसार इस बार भी तैयारी जारी है।
समय सीमा में टनल निर्माण पूरा करने की तैयारी
मंदिर समिति द्वारा परिसर में टनल मार्ग का निर्माण किया जा रहा है। समिति सदस्य व अधिकारी श्रावण शुरू होने से पहले इस काम को पूरा करना चाहते हैं। यह भूमिगत मार्ग गणेश मंडपम में खुलेगा। श्रावण में भक्तों को श्री महाकाल महालोक, मानसरोवर फैसिलिटी सेंटर से इसी टनल मार्ग से गणेश मंडपम में प्रवेश दिया जाएगा। यहां से भक्त दर्शन कर नए आपातकालीन द्वार से बाहर निकलेंगे।
यह बोले समिति सदस्य
श्रावण मास में शिव को जल अर्पण का विशेष महत्व है। कावड़ यात्री व आम भक्तों के लिए बाहर से जल चढ़ाने की व्यवस्था की जाएगी। गर्भगृह में दो माह प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। ऐसे में भक्त गर्भगृह में जाकर जल नहीं चढ़ा पाएंगे। विशेष परिस्थिति में अतिविशिष्ट व्यक्ति को गर्भगृह में प्रवेश मिलेगा।
-पं. राम पुजारी, प्रबंध समिति सदस्य
पूर्व में भी श्रावण मास में इस प्रकार की व्यवस्था लगू की जाती रही है। हमारा प्रयास टनल निर्माण को शीघ्र पूरा करने का है। इस मार्ग के शुरू होने से कावड़ यात्री व आम भक्तों के लिए जल अर्पण की व्यवस्था रहेगी।
-पं.राजेंद्र शर्मा गुरुजी, प्रबंध समिति सदस्य
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