चंबल में ब्राडगेज का सपना हुआ पूरा मेमू ट्रेन भी दौड़ेगी

मुरैना। श्योपुर-ग्वालियर ब्राडगेज लाइन का काम तेजी से हो है। बीते सप्ताह ट्राइल के तौर पर 10.8 किमी लंबे रूट पर 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ाई गई। यह ट्रायल सफल होने से रेलवे अब बानमोर से जौरा-अलापुर के ट्रैक पर ट्रेन दौड़ाने की तैयारी कर रहा है। सबकुछ ठीकठाक रहा तो 15 जुलाई को बानमोर से जौरा ट्रैक पर ट्रेन का ट्रायल होगा। अगस्त में इस रूट पर मेमू ट्रेन चलने लगेगी।

गौरतलब है तीन हजार करोड़ रुपये की लागत से ग्वालियर-श्योपुर ट्रैक पर 187.5 किमी लंबी ब्राडगेज लाइन बिछाई जा रही है। ब्राडगेज लाइन का काम तीन चरणों में किया जा रहा है। पहले चरण में ग्वालियर के बिरलानगर से जौरा तक 48.85 किमी लंबा ट्रैक बिछाया जा रहा है। इस रूट पर आठ बड़े पुलों के अलावा 48 पुलिया का काम पूरा हो चुका है। 35 अंडर व्रिज में करीब 30 का काम पूरा हो चुका है। उत्तर मध्य रेलवे के सेफ्टी कमिश्नर ने 22 मई को बिरलानगर से रायरू तक 10.8 किमी लंबी ब्राडगेज लाइन पर ट्रेन चलाकर ट्रैक का परीक्षण किया है। ट्रायल में इस रूट पर 130 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ाई गई। इसके बाद ट्रैक को हरी झंडी दे दी गई। अब रायरू-बानमोर से जौरा तक का काम तेजी से चल रहा है। बिरलानगर से जौरा तक 48.85 किमी के रूट में अब तक 27 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर पटरियां बिछाई जा चुकी हैं। रेलवे ट्रैक के साथ ही बिजली लाइन और रेलवे स्टेशन बनाने का काम भी चल रहा है। रेल अफसरों का कहना है ग्वालियर बिरलानगर से मुरैना जिले के सबलगढ़ तक 90.26 किलोमीटर लंबे रूट पर 80 फीसद काम पूरा हो गया है। पहले चरण के बाद दूसरे चरण का काम तेज गति से पूरा होगा। ग्वालियर से सबलगढ़ के बीच ट्रेन नवंबर 2023 तक चलने की संभावना है। दिसंबर 2026 तक श्योपुर तक ट्रैक पर काम पूरा करने का लक्ष्य है।

श्योपुर के बाद कोटा से जुड़ेगी ब्राडगेज लाइन

ग्वालियर से श्योपुर तक ब्राडगेज लाइन आगे राजस्थान के कोटा से जुड़ेगी। पश्चिम मध्य रेलवे ने श्योपुर जिले में ड्रोन सर्वे के लिए जिला प्रशासन से अनुमति मांगी है। श्योपुर से कोटा तक 104 किलोमीटर लंबी ब्राडगेज लाइन बिछाई जाएगी। पहले चरण में श्योपुर से राजस्थान के दीगोद तक काम होगा। परमिशन मिलते ही रेलवे यह अगस्त महीने तक सर्वे पूरा कर लेगी।

बानमोर से सबलगढ़ तक नौ 9 रेलवे स्टेशन

पहले चरण में बिरलानगर से जौरा तक मेमू ट्रेन चलाने की योजना है। बानमोर से सबलगढ़ तक रेलवे स्टेशन बनाने का काम तेजी से चल रहा है। बानमोर से सबलगढ़ तक 34 करोड़ रुपये की लागत में नौ रेलवे स्टेशन बनाए जा रहे हैं। पहले जिस जगह नैरोगेज ट्रेन रुकती थी, उन्हीं स्थानों पर नए स्टेशन बन रहे हैं। इनमें पांच बड़े रेलवे स्टेशन बानमोर, सुमावली, जौरा, कैलारस और सबलगढ़ में होंगे। यह बी श्रेणी के हैं। यानी इन स्टेशनों पर सामने से आ रही ट्रेन को साइड देने के लिए दूसरी लाइन भी रहेगी। चार हाल्ट स्टेशन की श्रेणी में रहेंगे। इनमें पीपल वाली माता, सेमई, भटपुरा और अंबिकेश्वर हैं। यहां ट्रेन कुछ मिनट रुकेगी। बी श्रेणी रेलवे स्टेशनों तक पक्की सड़क होगी। वाहन पार्किंग सुविधा भी मिलेगी।

तीसरी रेल लाइन के लिए चंबल नदी पर बन रहा पुल

झांसी से आगरा तक तीसरी रेल लाइन का काम चल रहा है। मुरैना से ग्वालियर, दतिया तक तीसरी रेल लाइन पर ट्रेन भी चलने लगी है, लेकिन चंबल नदी पर तीसरी लाइन का पुल नहीं होने से पूरा लोड दूसरी लाइन के रेलवे पुल पर है। ऐसे में तीसरी रेल लाइन के पुल काम भी तेजी चल रहा है। 190 करोड़ रुपये की लागत से चंबल नदी में बन रहे तीसरी रेल लाइन के पुल का काम 72 फीसद पूरा हो चुका है। इस साल के अंत तक पुल का निर्माण पूरा होने की उम्मीद है।

व्यापार से लेकर अवागमन की सुविधा को लगेंगे पंख

ब्राडगेज लाइन पर ट्रेनों का संचालन शुरू होने से मुरैना और श्योपुर जिले के कई कस्बों, ग्रामीण क्षेत्रों में न सिर्फ आवागमन की सुविधा होगी, बल्कि रोजगार, व्यापार को भी पंख लगेंगे। श्योपुर के श्यामपुर, रघुनाथपुर, वीरपुर से लेकर मुरैना के सुमावली और अन्य कई क्षेत्र हैं, जहां आवागमन के संसाधन न के बराबर हैं। ऐसे में यहां व्यापार की असीम संभावनाएं हैं, लेकिन आवागमन की सुविधा नहीं होने से व्यापार विस्तार नहीं ले पाता। ब्राडगेज लाइन शुरू होने से ग्वालियर और राजस्थान के कोटा जैसे महानगरों से सीधी कनेक्टिविटी होगी। ट्रेन से सामान मंगवाने व भेजने में सहूलियत बढ़ेगी।

बिरलानगर से रायरू तक का ट्राइल सफल रहा है। इस पर 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चला चुके हैं। अब बानमोर से जौरा तक का ट्रायल जुलाई में होगा और अगस्त में इस रूट पर ट्रेन चलाने की तैयारी है। रेलवे स्टेशन, पुल, पुलिया जैसे अधिकांश निर्माण हो चुके हैं। 49 किमी में से करीब 27 किमी का ट्रैक भी पूरा हो चुका है।

मनोज कुमार, जनसंपर्क अधिकारी, उत्तर मध्य रेलवे झांसी

फैक्ट फाइल

– ग्वालियर-श्योपुर ब्राडगेज लाइन की कुल लंबाई – 187.5 किमी

– प्रोजेक्ट की लागत – 3000 करोड़

– पहले चरण में बिरलानगर से जौरा 48.85 किमी ट्रैक पर मेमू ट्रेन चलाने की योजना।

– ग्वालियर से श्योपुर तक करीब 170 पुल बन रहे हैं, जिनमें 30 बड़े पुल हैं।

– 23 अगस्त 2021 से ब्राडगेज लाइन का काम शुरू हुआ था।

– पहले चरण में अगस्त महीने तक बिरलानगर से जौरा तक ट्रेन चलाने का लक्ष्य।

– दिसंबर 2026 तक श्योपुर से ग्वालियर तक ट्रैक बनाकर ट्रेनों का संचालन शुरू करने का लक्ष्य।

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