बेस्ट टूरिज्म विलेज प्रतियोगिता में जबलपुर से नहीं जा पाई कोई प्रविष्टि

जबलपुर। पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने ‘बेस्ट टूरिज्म विलेज’ प्रतियोगिता का आयोजन किया। प्रत्येक जिले से अधिकतम तीन प्रविष्टियां भेजे जाने का नियम रहा, लेकिन जबलपुर जिले से एक भी प्रविष्टि नहीं भेजी जा सकी। गौर करने वाली बात यह रही कि योजना की प्रविष्टियां स्वीकार करने की जो तारीख रही उसके दूसरे दिन मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड की ओर से पत्र जारी किया गया। नतीजा यह हुआ कि इस महत्वपूर्ण आयोजन में जिले की भागीदारी शून्य हो गई। इसके लिए जितना जिम्मेदार टूरिज्म बोर्ड है, उतने ही जिले के अफसर भी हैं। क्योंकि पत्र भले ही विलंब से आया हो लेकिन उनको इस बारे में जानकारी पहले से रही।

गांवाें का नामांकन किया जाना था

केंद्र सरकार के पर्यटन मंत्रालय की ओर से ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्तर पर बेस्ट टूरिज्म विलेज प्रतियािेगिता का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए जिले के ऐसे गांवाें का नामांकन किया जाना था। इसके लिए 18 मई तक देश के प्रत्येक जिले से अधिकतम तीन-तीन प्रविष्टियां मंगाई गई थी। संबंधित ग्रामों की प्रविष्टियां राज्य स्तर पर आनलाइन पोर्टल के माध्यम से पहुुंचाई जाना थीं। जेएटीसीसी के जिम्मेदारों के अनुसार जिले से इस प्रतियोगिता के लिए कोई प्रविष्टि नहीं भेजी जा सकी है। प्रविष्टियों को लेकर मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड की ओर से 19 मई को पत्र लिखा गया। अगर यही स्मरण-पत्र एक सप्ताह पूर्व भेज दिया जाता ताे संभव है कि जिले की ओर से कुछ प्रयास किया जा सकता था।

मार्च में ही था आनलाइन प्रशिक्षण

इस आयोजन को सुचारू रूप से किए जाने और अधिक से अधिक प्रविष्टियां प्राप्त करने के लिए सभी जिलों के नोडल अधिकारी डीएटीसीसी का आनलाइन प्रशिक्षण 15 मार्च 2023 को करवाया जा चुका था। बावजूद इसके जिले के जिम्मेदारों ने इस आयोजन को बिसार दिया। हालांकि प्रविष्टियों का मूल्यांकन कर उन्हें राज्य शासन स्तर को भेजे जाने की तारीख 19 जून है। ऐसे में जिले से तीन गांवों का चयन कर शासन को प्रविष्टि भेजी जा सकती हैं। लेकिन उनको बैकडेट में आनलाइन दर्ज कराना संभव नहीं हो पाएगा। लिहाजा इस प्रतियोगिता में जिले की भागेदारी संदिग्ध है।

बना ली गई कमेटी

जेएटीसीसी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हेमंत सिंह ने बताया कि संख्या अधिक होने की अवस्था में प्रविष्टियों का मूल्यांकन कर तीन श्रेष्ठ प्रविष्टियों का चयन करने के लिए एक कमेटी बनाई जाना थी, वो गठित की जा चुकी है। उसमें क्षेत्रीय प्रबंधक मप्र राज्य पर्यटन विकास निगम, सीइओ जेएटीसीसी, सीएमओ भेड़ाघाट सदस्य जेएटीसीसी डा. अनुपम सिन्हा शामिल हैं। लेकिन प्रविष्टियों के अभाव में यह कमेटी सफेद हाथी बन कर रह गई है।

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