अवैध संबंध बनाते देखा तो देवर भाभी नेकर दी थी मासूम की हत्या

जांजगीर – चांपा । मां को चाचा के साथ अवैध संबंध बनाते मासूम ने देख लिया तो दोनों ने मिलकर बालक की गला दबाकर हत्या कर दी और उसके हाथ पैर को बांधकर साक्ष्य छिपाने के लिए कुंए में फेंक दिया। पुलिस ने 12 दिन बाद आरोपित मां और चाचा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। मामला नैला चौकी का है। मुड़पार निवासी द्वासबाई धीवर ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसके छोटे बेटे विशेष धीवर (16) का 13 मई की रात से पता नहीं चल रहा है। आसपास पता करने पर भी कोई पता नहीं चला।

कोईअज्ञात व्यक्ति अपहरण कर ले गया है। जिस पर पुलिस ने भादवि की 363 पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया। दूसरे दिन 14 मई की सुबह द्वासबाई धीवर की बाड़ी के कुएं में ही उसके बेटे का शव मिला। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कुएं से बाहर निकलवाया तो उसका पैर तार से बंधा हुआ था और उसमें एक बड़ा सा पत्थर बंधा हुआ था। पुलिस ने एफएएल और डाग स्कवायड टीम की मदद ली। वरिष्ठ अधिकारियों ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने शव का पंचनामा कर पीएम के लिए भेज दिया। विवेचना के दौरान पुलिस ने पड़ोसियों से पूछताछ की जिस पर पता चला कि भाभी देवर के बीच अवैध संबंध है।

पति जेल में बंद तो देवर से संबंध

मुड़पार निवासी सत्यनारायण धीवर वर्ष 2008 से हत्या के मामले में बिलासपुर जेल में बंद है। उसकी पत्नी द्वास बाई धीवर के तीन बेटे हैं जिसमें से बड़ा बेटा ओम प्रकाश (19) बाहर मजदूरी करता है। घर में दो बेटे जयप्रकाश (17) और विशेष धीवर रहते थे। सत्यनारायण को सजा होने के बाद पूरे परिवार का पालन पोषण भाई राजू धीवर ही करता था। इस दौरान द्वास बाई का देवर राजू धीवर के साथ प्रेम संबंध हो गया। जब बच्चे घर में नहीं रहते थे तब दोनों शारीरिक संबंध बनाते थे।

ऐसे दिया वारदात को अंजाम

चौकी प्रभारी जीएल चंद्राकर ने बताया कि 13 मई को द्वास बाई धीवर और राजू धीवर सुबह खाना खाने के बाद दोनों आधार लिंक कराने के लिए तिलई स्थित बैंक गए थे। वहां से आने के बाद घर सूना था और दोनों बेटे घर से बाहर थे। इसका फायदा उठाते हुए दोनों शारीरिक संबंध बनाने लगे। इसी बीच छोटा पुत्र विशेष धीवर घर में आ गया और दोनों को संबंध बनाते देख लिया तो उसने इसकी जानकारी जेल में बंद अपने पिता सत्यनारायण धीवर को बताने की बात कही। इस पर राजू धीवर ने उसका गला और मुंह को दबाकर हत्या कर दी।

रात में शव को फेंका कुएं में

दोपहर में हत्या करने के बाद शव को पलंग के नीचे छिपा दिए और रात तक उसे ढूंढने का बहाना करते रहे। इसके बाद जब रात हुई तो दोनों शव को बाड़ी में लेकर गए और बोर घर के पास रखे बिजली तार से उसके पैर को तार एवं पत्थर से बांधकर शव को कुएं में फेंक दिया। एसपी विजय अग्रवाल ने मामले की गंभीरता से देखते हुए एसडीओपी चंद्रशेखर परमा के नेतृत्व में टीम गठित किया था।

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