ग्वालियर। भारतीय संस्कृति में माथे पर तिलक लगाना न केवल शुभ माना जाता है। बल्कि इसे लाभकारी माना जाता है। ज्योतिषाचार्य डा. सतीश सोनी के मुताबिक ललाट पर दोनों भौंहों के बीच विचारशक्ति का केन्द्र है । योगी इसे आज्ञाचक्र कहते हैं । इसे शिवनेत्र अर्थात् कल्याणकारी विचारों का केन्द्र कहा जाता है । ऐसे में दोनों भौहों के बीच ललाट पर चंदन या सिंदूर आदि का तिलक आज्ञाचक्र और उसके नजदीक की पीनियल और पीयूष ग्रंथियों को पोषण देता है । यह बुद्धिबल व सत्त्वबलवर्धक है तथा विचारशक्ति को भी विकसित करता है । अतः तिलक लगाना आध्यात्मिक तथा वैज्ञानिक, दोनों दृष्टिकोणों से बहुत लाभदायक है । इसलिए हिन्दू धर्म में कोई भी शुभ कार्य करते समय ललाट पर तिलक लगाते हैं ।
महिलाओं के लिए भी लाभकारी है तिलक
डा. सोनी के मुताबिक अधिकांश स्त्रियों का मन स्वाधिष्ठान और मणिपुर केन्द्र में ही रहता है । इन केन्द्रों में भय, भाव और कल्पना की अधिकता होती है । वे भावनाओं और कल्पनाओं में न बह जायें, उनका शिवनेत्र, विचारशक्ति का केन्द्र विकसित हो, इस उद्देश्य से ऋषियों ने स्त्रियों के लिए तिलक लगाने का विधान रखा है ।
किस चीज के तिलक के हैं फायदे
– चंदन, सिंदूर के तिलक से जो फायदा होता है, वह आजकल की केमिकल युक्त बिंदियों से नहीं होता ।
– ललाट पर प्लास्टिक की बिंदी चिपकाना हानिकारक है, इसे दूर से ही त्याग दें ।
तुलसी या पीपल की जड़ की मिट्टी अथवा गाय के खुर की मिट्टी पुण्यदायी, कार्यसाफल्यदायी व सात्त्विक होती है। उसका या हल्दी या चंदन का अथवा हल्दी-चंदन के मिश्रण का तिलक हितकारी है ।
– भाइयों को भी तिलक करना चाहिए । इससे आज्ञाचक्र (जिसे वैज्ञानिक पीनियल ग्रंथि कहते हैं) का विकास होता है और निर्णयशक्ति बढ़ती है ।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.