नये संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बयानबाजी का दौर जारी है। इस बीच सत्ता पक्ष को एक और क्षेत्रीय दल का समर्थन मिला है। बहुजन समाजवादी पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने प्रधानमंत्री द्वारा संसद के नये भवन के उद्घाटन का समर्थन किया है। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर लिखा – “केन्द्र में पहले चाहे कांग्रेस पार्टी की सरकार रही हो या अब वर्तमान में बीजेपी की, बीएसपी ने देश व जनहित निहित मुद्दों पर हमेशा दलगत राजनीति से ऊपर उठकर उनका समर्थन किया है तथा 28 मई को संसद के नये भवन (New Parliament Building) के उद्घाटन को भी पार्टी इसी संदर्भ में देखते हुए इसका स्वागत करती है।”
समारोह में शामिल नहीं होंगी मायावती
वैसे उन्होंने इस कार्यक्रम में शामिल होने में असमर्थता जताई है। उन्होंने लिखा कि नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का निमंत्रण मुझे प्राप्त हुआ है, जिसके लिए आभार और मेरी शुभकामनायें। लेकिन अपनी पूर्व निर्धारित व्यस्तता के कारण मैं समारोह में शामिल नहीं हो पाऊंगी। इनके अलावा एनडीए से सहयोगी दलों बीजू जनता दल और शिरोमणि अकाली दल ने भी नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह का समर्थन किया है।
सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा मामला
उधर, नए संसद भवन का उद्घाटन का मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच गया है। तमिलनाडु के एक वकील सी आर जयासुकिन ने PIL दाखिल कर संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से करवाने का अनुरोध किया है। इस पीआईएल में कहा गया है कि राष्ट्रपति देश की प्रथम नागरिक हैं और संविधान के अनुच्छेद 79 के मुताबिक राष्ट्रपति संसद का भी अनिवार्य हिस्सा हैं। राष्ट्रपति ही संसद का सत्र बुलाते हैं और संसद से पारित सभी विधेयक राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही कानून बनते हैं। ऐसे में 18 मई को लोकसभा सचिवालय ने संसद भवन के उद्घाटन के लिए जो निमंत्रण पत्र जारी किया है, वह असंवैधानिक है। सुप्रीम कोर्ट यह निर्देश दे कि उद्घाटन राष्ट्रपति से करवाया जाए।
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