रायपुर। जमीन के भीतर खोदाई के दौरान फोन, बिजली, नल कनेक्शन या अन्य कोई केबल को टूटने-फूटने से बचाया जा सकेगा। केंद्र सरकार ने काल बिफोर यू डिग (खोदाई के पहले काल कीजिए) पोर्टल की लांचिंग की है, जिसमें सरकारी और निजी एजेंसियों को जमीन के भीतर खोदाई के पहले अनिवार्य रूप से पूर्व में किए गए कार्यों की जानकारी अपलोड करनी होगी, जिसमें खोदाई वाले स्थान की जीपीएस मैपिंग सहित अन्य जानकारियां रहेगी, ताकि भविष्य में यदि उस मार्ग पर कोई अन्य एजेंसी खोदाई करें तो इसकी जानकारी पोर्टल में सार्वजनिक रहे। सूचना प्रौद्योगिक विभाग व दूरसंचार विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकारी विभागों के अलावा अब तक इस पोर्टल में 683 सम्पत्ति मालिक व 199 ठेकेदार रजिस्टर्ड हो चुके हैं।
राजधानी में 1300 किमी. पाइपलाइन, 25 वर्ष पुरानी
राजधानी के अलग-अलग वाडों में 1300 किमी पाइपलाइल लगभग 25 वर्ष पुरानी है। हाल ही में अमृत मिशन में घर-घर जल प्रदाय करने के लिए 800 किमी. की पाइपलाइन बिछाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेशभर में 20 हजार किमी. से अधिक पाइपलाइन अमृत मिशन के अंतर्गत बिछाया जा रहा है। दूरसंचार विभाग के अधिकारी नीरेश शर्मा ने बताया कि दूरसंचार विभाग की मदद से यह पोर्टल बनाया गया है।
यह सरकारी और निजी एजेंसियों के लिए मददगार साबित हो सकता है, जिसमें उन्हें जमीन के भीतर लाइव गूगल लोकेशन से पाइपलाइन या केबल के बारे में जानकारी मिल पाएगी। खोदाई के दौरान टूटने-फूटने आदि की समस्या से राहत मिल सकती है। चिप्स के सीईओ अमिताभ शर्मा ने बताया कि पोर्टल के बारे में विभागीय अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
कई बार फूटी है पाइपलाइन
राजधानी सहित कई जिलों में पाइपलाइन फूटने की घटना आम हो चुकी है। इसकी बड़ी वजह यह है कि सरकारी और निजी एजेंसियों को पता नहीं रहता है कि जमीन के भीतर पहले से पाइपलाइन है कि नहीं। उसी स्थान पर फिर से खोदाई शुरू हो जाती है।
2018 से 2019 के बीच राजधानी में छह बड़े मामले सामने आए, जिसमें पाइपलाइन फूटने की वजह से लाखों की आबादी को पानी नहीं मिल पाया। चार महीने पहले तेलीबांधा थाने के पास एक टेलीकाम कंपनी के केबल बिछाने के दौरान मेन राइजिंग पाइपलाइन फूटने की वजह से दो दिनों तक दो लाख की आबादी को पानी नहीं मिल पाया था।
यह विभाग पोर्टल में पंजीकृत
नगरीय निकाय, जल संसाधन, खनिज विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, राजस्व, वन, ऊर्जा, लोक निर्माण विभाग। इससे आम लोगों के लिए जरूरी सेवाएं आपूर्ति जारी रखने में बड़ी मदद मिलेगी।
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