भोपाल। राजधानी भोपाल के पुराने शहर स्थित टीला जमालपुरा में इन दिनों एक प्याऊ आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस प्याऊ की खासियत यह है कि यहां आने वाले हर राहगीर की शुद्ध शीतल जल से प्यास तो बुझाई जा रही है, साथ ही उनको बिस्किट के साथ बताशे भी खाने को दिए जा रहे हैं, ताकि उनको इस भीषण गर्मी में निर्जलीकरण (डी-हाइड्रेशन) की समस्या का सामना ना करना पड़े।
इस अनोखे प्याऊ का संचालन करने वाले गोपाल मुखरैया एवं नीतेश लाल ने बताया कि अपने पूर्वजों स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. बाबूलाल मुखरैया, स्व पं. जीवन लाल मुखरैया एवं स्व. जेपी लाल की स्मृति में इस प्याऊ का निर्माण स्वयं के खर्चे पर करवाया गया है। जिसमें अपने घरों की बोरवेल के माध्यम से रोज़ाना 800 लीटर पानी मटकों में भरवाया जाता है। मार्च माह से इस प्याऊ की शुरुआत की गई थी, जो जुलाई तक चलेगी। इस प्याऊ का संचालन करने के लिए एक महिला को बिठाया गया है जो राहग़ीरों को स्वच्छ कांच के ग्लास में पानी का सेवन करवाती है, साथ ही उन्हें जल से साथ बिस्किट और बताशो का वितरण भी किया जाता है। इस प्याऊ के संचालन के लिये कभी भी नगर निगम के टैंकरों का उपयोग नहीं किया जाता है। राहगीर भी प्याऊ पर मिलने वाली इस मुफ्त सेवा से काफी सुकून महसूस करते हैं।
बैरागढ़ में भी अनेक प्याऊ स्थापित
बैरागढ़ में भी संत हिरदाराम जी के शिष्यों ने अनेक जगह शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की है। संत जी की कुटिया के सामने, फायर ब्रिगेड के पास एवं कालका चौक के आसपास भी प्याऊ बनाए गए हैं, ताकि राहगीरों को इस भीषण गर्मी में शुद्ध और ठंडा पानी मिल सके। इन प्याऊ में जीव सेवा संस्थान द्वारा संचालित निजी टैंकरों से पानी भरा जाता है। ये प्याऊ नगर निगम के भरोसे नहीं है। करीब रोज 10 हज़ार लीटर पानी की खपत होती है।
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